
चीन को अपना सबसे भरोसेमंद दोस्त समझने वाली पाकिस्तान के लिए वुझेन से बुरी खबर आई है। यहां पर चल रही विदेश मंत्रियों की 16वीं बैठक में रूस और चीन ने एकसाथ मिलकर आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने पर जोर दिया है। दोनों देशों ने पाक का नाम लिए बिना कहा कि किसी भी देश को आतंकवादियों के साथ खड़े होकर काम नहीं करने दिया जाएगा।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने वुज़ेन में चीन के विदेश मंत्री वांग ली और रूसी विदेश मंत्री से मुलाकात करते हुए उनको पुलवामा में हुए आतंकी हमले और भारत की एयर स्ट्राइक के बारे में बताया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति रखता है। जिसके बाद चीन ने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर कहा कि सैद्धांतिक रूप से आतंकवाद खत्म किए जाने की जरुरत है। बैठक में इस पर सहमति बनी कि आतंक का समर्थन करने वाले देशों को इन गतिविधियों पर रोक लगानी चाहिए।
इससे पहले सुषमा स्वराज ने यहां पर पुलवामा हमले का मुद्दा उठाया था। सुषमा ने पाक की सीमा में भारत के हमले को लेकर कहा कि यह कोई सैन्य अभियान नहीं था। इसमें पाक के किसी भी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया। केवल आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर कार्रवाई की गई। भारत किसी भी रूप से तनाव को बढ़ाना नहीं चाहता। हम जिम्मेदारी और संयम से काम करते रहेंगे। पुलवामा हमले के जवाब में भारतीय वायुसेना ने मंगलवार तड़के पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमला कर जैश के कई ठिकानों को तबाह कर दिया था। इसमें 350 आतंकी मारे गए थे।
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