
स्वतंत्रता दिवस का राज्य स्तरीय समारोह मंगलवार को ऐतिहासिक रिज मैदान शिमला में आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया। उन्होंने परेड का निरीक्षण किया और मार्च पास्ट की सलामी ली। परेड में पुलिस, होमगार्ड, एनसीसी, एनएसएस, स्काउट्स एंड गाइड की टुकड़ियां शामिल हुईं, जिसका नेतृत्व पुलिस उप अधीक्षक प्रणव चौहान ने किया। भारी बारिश के कारण हिमाचल प्रदेश में आई आपदा के बीच प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम सादगी के साथ आयोजित किए गए। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित नहीं हुए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने लोगों को संबोधित करते हुए स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं और कहा कि प्रदेश के लोगों के लिए जश्न मनाने का यह सही समय नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले दो दिनों में प्रदेश पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। कई स्थानों पर बादल फटने और पहाड़ खिसकने की प्रलयकारी घटनाएं सामने आई हैं। लोगों द्वारा तिनका-तिनका जोड़कर बनाए गए घर इस आपदा के दौरान मलबे में दब गए हैं। उन्होंने कहा कि इन घटनाओं और रोते-बिलखते लोगों को देखकर उनका मन अत्यंत दुखी है। उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटे में हमने 50 से अधिक बहुमूल्य जीवन खोए हैं। हिमाचल में मानसून आने के बाद से 300 से ज्यादा लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। उन्होंने इस अवसर पर सभी मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
सुक्खू ने कहा कि प्रभावित परिवारों के लिए यह मुश्किल की घड़ी है, लेकिन राज्य सरकार प्रदेश के लोगों के साथ पूरी मजबूती के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि प्रभावितों के घाव पैसे से नहीं भरे जा सकते हैं, लेकिन राज्य सरकार एक-एक पैसा जोड़कर सभी प्रभावितों का घर बसाएगी। उन्होंने कहा कि पूरी सरकार एकजुटता के साथ हिमाचल को संकट से निकालने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि त्रासदी को देखते हुए इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम रस्मी रूप से मनाए जा रहे हैं।
यह पिछले 50 साल की सबसे बड़ी आपदा
उन्होंने कहा कि प्रदेश में आपदा से भारी तबाही हो रही है तथा यह पिछले 50 साल की सबसे बड़ी आपदा है। जगह-जगह घर और सड़कें टूट रही हैं। किसानों के खेत व फसलें तबाह हो रही हैं और पूरे प्रदेश में आपदा से भारी नुकसान हो रहा है। इस त्रासदी का हिमाचल प्रदेश के सभी लोग बड़ी मजबूती के साथ सामना कर रहे हैं।
303 पर्यटकों को सुरक्षित निकाला
उन्होंने कहा कि सरकार ने जिला लाहौल-स्पिति के चंद्रताल में फंसे 303 पर्यटकों को सुरक्षित निकाला। अपनी जान की परवाह न करते हुए राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी ने ये मुश्किल मिशन पूरा किया और सभी मेहमानों को सुरक्षित निकाला। उन्होंने कहा कि इस आपदा में राहत कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए विश्व बैंक ने भी प्रदेश सरकार की सराहना की है। उन्होंने किसानों और बागवानों को विश्वास दिलाया कि उनके उत्पादों को हर हाल में मंडियों तक पहुंचाया जाएगा।
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