
शिमला : प्रदेश सरकार के खिलाफ उतरे कर्मचारियों पर गाज गिरना शुरू हो गई है। सरकार ने संयुक्त कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सहित 10 पदाधिकारियोंं को दूर-दराज के क्षेत्रों में ट्रांसफर किया है। यह सभी शिक्षा विभाग के हैं। शिक्षा सचिव की ओर से इनके ट्रांसफर ऑर्डर भी जारी कर दिए हैं। इसके तहत संयुक्त कर्मचारी महासंघ व हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान को शिमला से चम्बा के चांजू (तीसा) के लिए ट्र्रांसफर किया गया है जबकि सुरेंद्र शर्मा को शिमला के घूंड स्कूल से चम्बा के बडग्रां स्कूल भेजा है। इसी तरह शिक्षा विभाग की ओर से अरूण गुलेरिया को मंडी से शिमला के दूर दराज क्षेत्र में भेजा गया है। सचिन कुमार को कांगड़ा से शिमला, कैलाश ठाकुर को शिमला के कांगल स्कूल भेजा गया है। इसके अलावा शिक्षा विभाग ने अन्य 5 शिक्षकों के भी ट्रासंफर ऑर्डर जारी किए हैं।
और शिक्षकों पर भी कार्रवाई कर सकता है विभाग
सूत्रों की मानें तो शिक्षा विभाग और शिक्षकों पर भी ऐसी कार्रवाई कर सकता है। इसके अलावा अन्य विभाग भी कर्मचारियों पर इस तरह की कार्रवाई करने जा रहे हैं। महासंघ के पदाधिकारियों का आरोप है कि जो शिक्षक या कर्मचारी ओपीएस की बहाली व वेतन आयोग की विसंगतियों को लेकर दिए गए धरना प्रदर्शन में शामिल रहे हैं, उनके खिलाफ ऐसी कार्रवाई की जा रही है।
जहां मर्जी भेज दो, कर्मचारियों के हक की लड़ाई लड़ते रहेंगे : वीरेंद्र चौहान
महासंघ के अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान का कहना है कि पदाधिकारियों को एडमिनिस्ट्रेटिव ग्राऊंड का आधार बनाकर दूरदराज के क्षेत्रों में ट्रांसफर इसलिए किया जा रहा है, ताकि कर्मचारियों के मुद्दों को दबाया जा सके और आंदोलन को निरस्त किया जा सके। उन्होंने कहा है कि प्रदेश के किसी भी कोने में भेज दो, कर्मचारियों के हक की लड़ाई जारी रहेगी। ओपीएस बहाली की मांग पहले की तरह उठाई जाएगी। महासंघ के पदाधिकारियों का कहना है कि सरकार ने 10 पदाधिकारियों के ट्रांसफर ऑर्डर जारी कर दिए हैं और बाकी के करने जा रही है। सरकार की यह घिनौनी और कर्मचारी विरोधी कार्रवाई है, जिसका महासंघ ने खंडन किया है। वीरेंद्र चौहान का कहना है कि यदि भाजपा सरकार इसी तरह कर्मचारी विरोधी कार्रवाई करती रहेगी तो दोबारा सत्ता में नहीं आएगी।
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