
हिमाचल प्रदेश सरकार ने दुधारू पशुओं का लाभ लेने के बाद सड़कों पर लावारिस छोड़ने वाले मालिकों पर नकेल कसने का फैसला लिया है। इन लावारिस पशुओं को जब खुला छोड़ दिया जाता है तो उनको न तो छत मिल पाती है और न ही चारा। अब ऐसा नहीं होगा। सरकार ने प्रदेश में 22 लाख गायों और भैंसों की ईनैप टैगिंग करने का निर्णय लिया है। पशुओं की महज टैगिंग ही नहीं होगी बल्कि इन पशुओं को मालिक के आधार से लिंक भी किया जाएगा। यह इसलिए किया जाएगा ताकि पशुओं को लावारिस छोड़ने वालों को दबोचा जा सके।
केंद्र सरकार की योजना को प्रदेश में शीघ्र लागू करके पशुओं खासकर गायों-भैंसों की टैगिंग की जाएगी। पहले चरण में 22 लाख गायों और भैंसों को कवर किया जाएगा। इनके मालिकों का पूरा लेखा-जोखा पशुपालन विभाग रखेगा। अतिरिक्त मुख्य सचिव पशुपालन विभाग संजय गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में साढ़े 14 हजार लावारिस पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था की जाएगी। प्रदेश मंत्रिमंडल ने प्रति पशु 500 रुपये प्रति माह देने का फैसला लिया है। गोसदनों में रहने वाले पशुओं के चारे को वित्तीय मदद नहीं मिलती थी। पहली बार प्रति पशु प्रतिमाह 500 रुपये मिल पाएंगे।
कृपया अपनी खबरें, सूचनाएं या फिर शिकायतें सीधे news4himachal@gmail.com पर भेजें। इस वेबसाइट पर प्रकाशित लेख लेखकों, ब्लॉगरों और संवाद सूत्रों के निजी विचार हैं। मीडिया के हर पहलू को जनता के दरबार में ला खड़ा करने के लिए यह एक सार्वजनिक मंच है।