जिला शिमला के खड़ापत्थर में करीब 25 करोड़ (250 मिलियन) साल पुराने पेड़ का विशालकाय जीवाश्म मिला है। माना जा रहा है कि पेड़ का जीवाश्म डायनासोर के युग का हो सकता है। इसे वन विभाग रोहड़ू की टीम ने खोजा है।
राज्य संग्रहालय शिमला के क्यूरेटर ने इसकी तस्दीक कर दी है। अब इसे संरक्षित कर दिया है। जल्द ही इस जीवाश्म को पुरातत्व विभाग को सौंपा जाएगा। बता दें कि इससे पहले भी हजारों-करोड़ों साल पुराने जीवाश्म हिमाचल के सोलन और बिलासपुर में मिल चुके हैं।
तीन दिन पहले 30 अप्रैल को वन विभाग रोहड़ू के डीएफओ चंदू ताशिलदार, वन परिक्षेत्र अधिकारी देसराज, वन रक्षक रणधीर खड़ापत्थर के दौरे पर थे। इस दौरान उन्हें वनस्पति का जीवाश्म दिखाई दिया।
करीब से देखने पर जीवाश्म विशालकाय पेड़ का लग रहा था। वन विभाग ने उसकी फोटो हिमाचल प्रदेश राज्य संग्रहालय शिमला के क्यूरेटर डॉ. हरि सिंह चौहान को भेजी। एक मई को डॉ. हरि सिंह खुद मौके पर पहुंचे और जीवाश्म का निरीक्षण किया।
उन्होंने पुष्टि की कि यह विशालकाय पेड़ मध्यजीवी युग का है। पेड़ का जीवाश्म करीबन 25 करोड़ साल पुराना है। मध्यजीवी युग में डायनासोर सहित कई विशालकाय जानवर धरती पर थे।
जीवाश्म की खोज इस क्षेत्र के लिए नई पहल
राज्य संग्रहालय शिमला के क्यूरेटर डॉ. हरि सिंह चौहान ने बताया कि इंसान जीवाश्म को आसानी से अपनी नजरों से पहचान नहीं सकता है। खड़ापत्थर में मध्यजीवी युग के पेड़ के जीवाश्म मिले हैं।
आगामी जांच पड़ताल के लिए इस क्षेत्र का संवर्द्धन किया जाएगा। जीवाश्म की खोज इस क्षेत्र के लिए नई पहल है। वन विभाग की ओर से पेड़ के जीवाश्म की खोज की गई है।
वन मंडल अधिकारी रोहड़ू चंदू ताशिलदार ने बताया कि विशालकाय पेड़ का जीवाश्म डायनासोर के युग का है। जीवाश्म को संरक्षित कर दिया गया है। शीघ्र ही इसे पुरातत्व विभाग को सौंपा दिया जाएगा।
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