
नाहन : शिरोमणि पंथ रतन एवं पद्मश्री बाबा इकबाल सिंह के उत्तराधिकारी के तौर पर डा. देवेंद्र सिंह की आधिकारिक घोषणा कर दी गई है। बाबा इकबाल सिंह के अंतिम संस्कार के बाद यह घोषणा कर दी गई है। द कलगीदार ट्रस्ट के महासचिव डा. देवेंद्र सिंह के साथ पहले की तरह जगजीत सिंह उर्फ काका वीर सिंह ट्रस्ट व विश्वविद्यालय अकाल अकादमी सभी कार्यों को एक साथ देखेंगे। अकाल तख्त के सिंह साहिब ज्ञानी मलकीत सिंह ने कलगीधार ट्रस्ट के अन्य ट्रस्टियों के साथ डा. दविंदर सिंह को सिरोपा पहनाया और उनको ट्रस्ट का अगला उत्ताधिकारी घोषित किया ।
पद्मश्री बाबा इकबाल सिंह की अस्थियों को विसर्जित नहीं किया जाएगा। उन्हें बड़ू साहिब में ही म्यूजियम में रखा जाएगा। बाबा जी के अंतिम संस्कार में देश के विभिन्न राज्यों से 10,000 से अधिक लोग पहुंचे थे।
बता दें कि जिला सिरमौर के पच्छाद उपमंडल के तहत लाना पलटा पंचायत में स्थित बडू साहिब शिक्षण संस्थान कलगीधार ट्रस्ट के संस्थापक बाबा इकबाल सिंह शनिवार दोपहर बाद निधन हो गया। शुक्रवार को ही बाबा जी को मोहाली फार्टिस अस्पताल से बडू साहिब लाया गया था। रविवार दोपहर बाद बडू साहिब में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। बाबा इकबाल सिंह को शिरोमणि पंथ रतन एवं हाल ही में पद्मश्री पुरस्कार के लिए चयनित किया गया था। यह पुरस्कार उन्हें सोशल वर्क के लिए दिया जाना है, जिसके तहत बाबा इकबाल सिंह जी ने पंजाब में सैकड़ों अकाल एकेडमी व स्कूल खोले हैं।
पंजाब के इन स्कूलों में गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा दी जाती है। बाबा इकबाल सिंह का जन्म 01 -05-1926 को हुआ था। उनका अंतिम संस्कार बड़ू साहिब में रविवार को 2.00 बजे किया जाएगा। अंतिम संस्कार में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, अकाल तख्त साहब, पटना साहब, केशगढ़ साहब से संगत व स्थानीय करीब 3000 लोग कोविड नियमों का पालन करते हुए शामिल होंगे। बाबा इकबाल सिंह जी संत तेजा सिंह महाराज के संपर्क में 1950 में आए थे, जब वह खालसा कालेज अमृतसर से शिक्षा ग्रहण कर रहे थे। उसके बाद 1956 में पहली बार वह बडू साहिब में जमीन देखने पहुंचे तथा 1959 में गांव के स्थानीय व्यक्ति से जमीन खरीद ली। यहां पर संत तेजा सिंह महाराज के आदेशानुसार शिक्षण संस्थान खोलने के प्रयास शुरू कर दिए।
1965 में बाबा इकबाल सिंह ने यहां पर कलगीधार ट्रस्ट की स्थापना की। इसी कलगीधार ट्रस्ट के तहत उन्होंने अकाल एकेडमी देश मे खोली। बाबा इकबाल सिंह ने 1987 तक हिमाचल प्रदेश कृषि एवं बागवानी निदेशक के पद पर भी सेवाएं दी। 1986 में उन्होंने बडू साहिब में पांच बच्चों से अकाल स्कूल की शुरुआत की थी। आज बडू साहिब विश्व भर में प्रमुख शिक्षण संस्थान बन चुका है। जहां पर इंटरनेशनल बिजनेस स्कूल, ईटरनल यूनिवर्सिटी, अकाल स्कूल, इंजीनियरिंग कालेज सहित कई बड़े शिक्षण संस्थान हैं। यह सब संस्थान बाबा इकबाल सिंह के योगदान से ही संभव हुए हैं। 97 वर्षीय बाबा इकबाल सिंह जी को कुछ वर्ष पूर्व शिरोमणि पंथ रतन पटना साहिब द्वारा दिया गया था। गत वर्ष अकाल तख्त अमृतसर द्वारा उन्हें विद्या मार्तंड पुरस्कार देने की घोषणा भी हुई है।
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