
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पासपोर्ट, आधार और वोटर कार्ड भी को एक कार्ड में समाहित करने की सलाह दी है। देश में इस वक्त आधार, पासपोर्ट और वोटर कार्ड जैसे कई ID कार्ड हैं, जिन्हें एड्रेस और फोटो पहचान पत्र के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। अमित शाह ने इन सबको एक कार्ड में समाहित करने का आईडिया दिया है।
केंद्रीय गृहमंत्री ने के अनुसार आधार, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर कार्ड जैसे अलग-अलग कार्ड सब एक कार्ड में समाहित हो जाएं। इसके साथ ही उन्होंने आईडिया दिया है कि बैंक अकाउंट को भी इसी कार्ड के साथ जोड़ दिया जाए।
उन्होंने कहा, साल 2014 में नरेन्द्र मोदी जी के देश के प्रधानमंत्री बनने के बाद हमारे सोचने की क्षमता में बदलाव होने लगा। देश को समस्याओं से मुक्त किया जाए, ऐसी प्लानिंग की शुरुआत 2014 के बाद हुई। इससे जनगणना रजिस्टर के सही उपयोग की शुरुआत हुई।
हर 10 साल में होने वाली जनगणना भी साल 2021 में होनी है। इस बीत अमित शाह ने बताया कि 2021 की जनगणना घर-घर जाकर नहीं बल्कि, मोबाइल ऐप के जरिए होगी। उन्होंने कहा कि कोई ऐसा सिस्टम भी होना चाहिए, जिसमें किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर यह जानकारी अपने-आप पॉपुलेशन डाटा में जुड़ जाए।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा, देश के सामाजिक प्रवाह, देश के अंतिम व्यक्ति के विकास और देश के भविष्य के काम के आयोजन के लिए जनगणना आधार है। जनगणना का डिजिटल डाटा होने से अनेक प्रकार के विश्लेषण के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं। कई बदलाव और नई पद्धति के बाद आज जनगणना डिजिटल होने जा रही है।
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