
मंडी: राज्य विद्युत परिषद के 126 मेगावाट क्षमता के लारजी प्रोजेक्ट के पावर हाउस में ब्यास नदी का पानी घुस गया है। इससे करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। पावर हाउस की टरबाइन व अन्य उपकरण पूरी तरह खराब हो गए हैं।
मनाली चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे थलौट में बने भूमिगत पावर हाउस में मुख्य प्रवेश द्वार से ब्यास का पानी अंदर घुसा है। पानी से पावर हाउस की चार भूमिगत मंजिल पूरी तरह जलमग्न हो गई है। पावर हाउस में तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों ने भाग कर अपनी जान बचाई। प्रोजेक्ट बिजली बोर्ड का सबसे बड़ा कमाऊ पूत था। रोजाना एक करोड़ का राजस्व आता था।
सुबह से शुरु कर दिए थे प्रयास
पानी घुसने की आंशका को देखते हुए पावर हाउस के कर्मचारियों ने प्रवेश द्वार पर रेत से भरी बोरियां रख दिन भर प्रयास किए। लेकिन तांडव मचाने पर उतरी ब्यास के तेज वेग के आगे किसी की एक नहीं चली। ब्यास नदी में गाद बढ़ने पर प्रोजेकट प्रबंधन ने शनिवार रात 11 बजे बिजली उत्पाद रोक गेट बंद कर दिए थे। ब्यास के उफान को देखते हुए अधीक्षण अभियंता उत्पादक संजय कौशल ने अन्य अधिकारियों के साथ लारजी मेंं डेरा डाला हुआ था।
पंप लगा पानी निकासी की कोशिश
पंप लगाकर पानी निकासी की कोशिश की गई,लेकिन वह भी काम नहीं आई। पानी घुसने से प्रोजेक्ट को हुए नुकसान का आकलन करने में मरम्मत कार्य में कई माह का समय लगेगा।पहले से आर्थिक संकट से जूझ रही प्रदेश सरकार के ऊपर और वित्तीय बोझ पड़ेगा।
प्रोजेक्ट से होने वाली दैनिक करोड़ों रुपये की आय से पीक सीजन में कई माह तक वंचित रहना होगा। वहीं प्रोजेकट के बांध पर भी खतरा मंडरा रहा है। ब्यास का पानी बांध के ऊपर से गुजरने को आतुर है। अधीक्षक अभियंता उत्पादन संजय कौशल ने लारजी पावर हाउस में पानी घुसने की पुष्टि की है।
प्राेजेक्ट की थलौट कालोनी खाली करवाई गई
ब्यास के रूख को देखते हुए प्रशासन ने लारजी प्रोजेक्ट की थलौट स्थित कालोनी खाली करवा यहां रहने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के स्वजनों को सुरक्षित जगह भेज दिया है।
औट का 50 वर्ष पुराना पुल बहा
ब्यास नदी के उफान में औट का 50 वर्ष पुराना पुल भी बह गया। पुल लुहरी रामपुर मार्ग को जोड़ता था। पुल बहने से दूसरी ओर रहने वाले सैकड़ों लोग फंस गए हैं। यहां स्थित एक मंदिर को भी खतरा पैदा हो गया है।
ब्यास ने तोड़ा जलस्तर 28 वर्ष पुराना रिकार्ड
ब्यास नदी ने अपना 28 वर्ष पुराना रिकार्ड तोड़ दिया है। नदी में पहली बार पानी की आवक दो लाख क्यूसेक का आंकड़ा पार कर गई है। 1995 में नदी में अधिकतम 1.61 लाख क्यूसेक पानी की आवक रिकार्ड की गई थी। बीबीएमबी के पंडोह बांध से दो लाख क्यूसेक पानी निचली तरफ छोड़ा जा रहा है। इससे पंडोह से मंडी तक बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। पंडोह बाजार पानी में डूबा हुआ है। नदी में पानी की आवक लगातार बढ़ रही है।
990 मेगावाट के डैहर पावर हाउस में बिजली उत्पादन बंद
बीबीएमबी के 990 मेगावाट क्षमता के डैहर पावर हाउस में रविवार सुबह आठ बजे से बिजली उत्पादन बंद हैं। गाद बढ़ने से पंडोह बांध से बीएसएल नहर को जाने वाली पानी की सप्लाई रोक दी गई है। लारजी व डैहर पावर हाउस में बिजली उत्पादन बंद होने से कई क्षेत्रों में सुबह से बिजली गुल है।
पंडोह बांध से दो लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। पहली बार ब्यास नदी में पानी की आवक दो लाख क्यूसेक से पार हुई है। 1995 में 1.61 लाख क्यूसेक पानी आया था। स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। -राजेश हांडा, वरिष्ठ अधिशाषी अभियंता ,पंडोह बांध
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