
गगरेट : आबकारी कराधान विभाग ने खनन माफिया पर बड़ा शिकंजा सकते हुए हरोली क्षेत्र के एक बड़े स्टोन क्रशर जिसके तीन यूनिट क्षेत्र में स्थापित है उसपर 3 करोड़ 46 लाख रुपये जुर्माना लगाया है। वहीं एक कत्था उद्योग पर 1 करोड़ 46 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया है। जानकारी के अनुसार ये सारी हेराफेरी एम फार्म और जीएसटी को लेकर हुई है। बड़े लोड लेकर जाने वाले ट्रक करीब 60 मीट्रिक टन से ज्यादा खनिज भर कर ले जाते है जबकि स्टोन क्रशर के पास एमफार्म मात्र 15 मीट्रिक टन तक का है।
10 रुपये प्रति मीट्रिक टन स्टोन क्रशर को राजस्व सरकार को देना होता है। उसे क्षमता के हिसाब से खनिज पर 5 प्रतिशत जीएसटी भी लगता है लेकिन स्टोन क्रशर मालिक अपना टैक्स बचाने के चक्कर में एम फार्म में ही गड़बड़ी करके खनिज को कम दर्शाते हैं। इस पूरे मामले का भंडाफोड़ करने के लिए विभाग ने दो साल के आंकड़े जुटाए जिसमें स्टोन क्रशर के कागजात ,सड़को पर चल रहे टिप्परों के अंदर मेटीरियल और अन्य तरफ से जांच करके ये जुर्माना तय किया है। विभाग के अनुसार सरकार को मात्र 20 प्रतिशत ही राजस्व जमा करवाया जा रहा था ।
वहीं दूसरी और विभाग ने एक अन्य मामला कत्था उद्योग का पकड़ा है, हिमाचल के कत्था पूरे देश भर में मशहूर है विशेषकर ऊना का लेकिन इस मामलें में ऊना की एक फर्म दिल्ली से कत्था पहले ऊना मंगवा रही थी फिर उसे वापिस बेच रही थी। विभाग ने जब इसकी जांच की तो पाया कि सारी फर्म ही नकली है और ऊना में मात्र इसका एक कार्यलय है जबकि उद्योग तो है ही नहीं। गहनता से जांच करने पर पाया गया कि इनपुट टेक्स क्रेडिट बचाने के लिए फर्म ने ऐसा किया है। इस उद्योग का मालिक भी असली नहीं है आफिस के एक व्यक्ति के नाम से ही पूरी फर्म चल रही है। इस फर्म पर आबकारी कराधान विभाग ने 1 करोड़ 43 लाख रुपये जुर्माना लगाया है । जवाइंट कमिश्नर एक्साइज विभाग के राकेश भारतीय ने बताया कि विभाग अब ये जुर्माना वसूलने के लिए पुलिस विभाग की मदद लेने जा रहा है और जल्द ही जुर्माना वसूला जाएगा।
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