
सही तरीके से ठिकाने नहीं लगाया, तो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड करेगा सख्त कार्रवाई
शिमला-प्रदेश के अस्पतालों में अब बायोमेडिकल वेस्ट का सही निष्पादन न करने पर एक लाख रुपए तक का जुर्माना होगा। पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड यह बड़ी कार्रवाई राज्य के सभी अस्पतालों पर अमल में लाएगा। इसके अलाव बायोमेडिकल वेस्ट का सही निष्पादन न करने पर अस्पताल प्रशासन के प्रमुखों को सजा का प्रावधान भी किया जाएंगा। सरकार के आदेशों के बाद यह बड़ा फैसला पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की ओर से लिया गया है। ऐसे में अब अस्पतालों से निकलने वाला बॉयोमेडिकल वेस्ट को अस्पताल प्रशासन न तो खुले में फेंक सकेंगे और न ही इसे मनमर्जी से डिस्पोज कर पाएंगे। इसके लिए पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को पूरा रिकार्ड बनाना होगा। बोर्ड ने अब सभी अस्पतालों को एनओसी लेना जरूरी कर दिया है। बिना एनओसी लिए अस्पताल चलाने वालों पर नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी। बायोमेडिकल वेस्ट पर लापरवाही करने वालों को जहां जुर्माना भरना होगा, वहीं सजा का भी प्रावधान किया गया है। इसमें अस्पताल में लगे बैड के हिसाब से एनओसी दी जाएगी। अस्पताल में जितने बैड होंगे, उस हिसाब से फीस लगेगी और उसी हिसाब से जुर्माने का भी प्रावधान है। समय-समय पर पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अधिकारी जांच करेंगे, ताकि अस्पताल बिना एनओसी से न चलाया जाए। हांलाकि इसमें राहत की बात यह है कि जिन अस्पतालों में बैड नहीं होंगे, उन्हें केवल रजिस्ट्रेशन ही करवानी होगी। इसके लिए उनकी कोई फीस नहीं लगेगी। केवल एक रजिस्ट्रेशन नंबर दिया जाएगा। उसके बाद जब अधिकारी जांच पर आएंगे, तो उन्हें वह रजिस्ट्रेशन नंबर ही दिखाया जाएगा। इसके दायरे में ज्यादात्तर क्लीनिक आएंगे।
आईजीएमसी ने ली एनओसी
पीसीब के नियमों के बाद आईजीएमसी प्रशासन ऐसा पहला संस्थान है, जिसने पुराने भवन की एनओसी ले ली है। आईजीएमसी ने अपने पुराने भवन में 850 बैड दिखाए हैं, उसी हिसाब से उन्हें एनओसी दी गई है। अधिकारियों का कहना है कि पुराने भवन के लिए एनओसी ले ली गई है, नए भवन के लिए भी जल्द ही एनओसी को अप्लाई कर दिया जाएगा।
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