
मंडी : हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने रविवार को मंडी में 125 यूनिट मुफ्त बिजली योजना का जीरो बिल निकालकर शुभारंभ किया। इस दौरान सीएम ने इस निर्णय के पीछे की वजह भी बताई। सीएम ने कहा हम प्रदेश में 11000 मेगावाट बिजली पैदा करते हैं। हरियाणा, पंजाब, दिल्ली को देते हैं। बिजली उत्पादन को बढ़ाने में कार्य कर रहे हैं। लेकिन हिमाचल के गरीब लोगों के लिए उसका क्या लाभ मिला। हालांकि बाकी राज्य से सस्ती बिजली देते थे। हम गरीब लोगों की मदद कर सकते हैं, इसलिए पहले 60 यूनिट तक बिजली निशुल्क देने की घोषणा की, फिर मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए 125 यूनिट बिजली मुफ्त की। इससे ज्यादा कर सकते थे, लेकिन प्रदेश की आर्थिक स्थिति को देखते हुए ये फैसला लिया गया। मीटर का किराया व सर्विस का 55 रुपये ले रहे थे, बेशक बल्ब जले न जले। कई लोग घर से दूर होते हैं, बल्ब नहीं जलता फिर भी हर महीने 55 रुपये देने पड़ते हैं। फिर रास्ता निकाला कि125 यूनिट तक बिजली मुफ्त करने का निर्णय लिया।
इस निर्णय से 250 से 300 करोड़ का बजट का बोझ पड़ेगा। मध्यम वर्गीय परिवार के लिए मदद कैसे कर सकते हैं। वही हमारा भाव था। प्रदेश 22,59,643 मीटर हैं, 14,62,130 परिवार को मुफ्त बिजली मिली। यानी जीरो बिल आया।
सीएम ने कहा हमारी मंशा लोगों लाभ देने की है। 125 यूनिट बिजली का बिल 619 रुपये बनता है। यानी 6 से 7 हजार रुपये लोगों के सालान बचेंगे। अगर हम बिजली जीरो बिल के साथ दे रहे हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि फिजूलखर्ची करें। सब लोग सुनिश्चित करें कि बिजली बचाने में सहयोग दें। सीएम ने कहा जीरो बिल का कार्यक्रम अनूठी पहल है।
चुनाव के दौर में कुछ लोग 300 यूनिट दे रहे। फिर कहने लगे कि मुफ्तखोर बना दिया। वही दल कह रहा हम आएंगे तो 300 यूनिट देंगे। बड़ा साफ कह रहा हूं कि उनके आने की गुंजाइश नहीं है।
पीएम मोदी ने आज मन की बात में प्रदेश का दो बार जिक्र किया। पीएम मोदी ने लाहुल व देहरा का नाम लिया। स्पीति का मटर 5 व 7 स्टार होटल में बिकता है, उसका स्वाद लजवाब है।
सीएम ने कहा जब हम कालेज में पढ़ते थे तो 300 से 400 रुपये मिलते थे। उस वक्त कालेज के समय में जो खर्च होता था, उतनी बचत बिजली बिल के रूप में कर रहे हैं। मदद करने की मंशा का पुण्य मिलता है। दो महीने के बाद चुनाव होगा। आपका सहयोग मिला है।
कोरोना का दौर नहीं होता तो और काम होते। फिर भी सामान्य परिस्थितियों वाली सरकारों के मुकाबले अधिक काम किया है। सड़को की बात करें तो 5000 किलोमीटर बना दी है। आज से पहले की सरकारें नहीं बना पाई। हमने जितने सब डिवीजन व अन्य कार्यालय खोले, उतने कोई नहीं खुलवा पाया, चाहे आंकड़े निकाल कर देख लें।
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