
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के पेपर लीक मामले में विजिलेंस ब्यूरो ने प्रारंभिक रिपोर्ट दी थी। उसके आधार पर वह कह सकते हैं कि करीब 60 फीसदी पेपर लीक हुए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पेपर लीक होना गंभीर बात है। पेपर लीक मामले में वह कह सकते हैं कि पांच साल से यह वारदातें चली हुई थीं। सीएम ने यह बात बुधवार को राज्य सचिवालय में मीडिया से बातचीत में कही। सुक्खू ने कहा कि आज या कल विजिलेंस ब्यूरो की नई रिपोर्ट भी सरकार को मिलेगी। पुलिस कांस्टेबलों की भर्ती से संबंधित पेपर लीक मामले में सीबीआई ने भी छापे मारे हैं। सीबीआई तो भारत सरकार के अंतर्गत आती है। जब छापे मारे गए हैं तो उसमें कई बातें सामने आई हैं। पिछले पांच साल से पेपर लीक की यह वारदातें चली हुई थीं। उल्लेखनीय है कि हमीरपुर में जेओए आईटी और अन्य पेपर लीक मामले में हमीरपुर स्थित राज्य कर्मचारी आयोग को निलंबित किया गया है। इस संबंध में विजिलेंस ब्यूरो में जांच चल रही है।
विधायकों से फ्लैगशिप योजनाओं में प्राथमिकताएं देने को कहा
मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायकों की प्राथमिकताओं को आगामी बजट में शामिल किया जाएगा। विधायकों से फ्लैगशिप योजनाओं में अपनी प्राथमिकताएं देने के लिए कहा गया है।
हिमाचल के लिए विशेष ग्रांट का एलान नहीं होने से निराशा
मुख्यमंत्री सुक्खविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि बजट में केंद्र सरकार को हिमाचल के लोगों को कम से कम एक विशेष ग्रांट देती। क्योंकि हिमाचल के लोगों पर एक 75 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है। साढ़े पांच हजार करोड़ पेंशनरों व चार हजार करोड़ कर्मचारियों के एरियर, 920 करोड़ रुपये की डीए की किश्त देय है। ये सभी देनदारियां सरकार को चुकानी हैं। कहा कि हिमाचल को 10 हजार करोड़ रुपये की विशेष ग्रांट दी जानी चाहिए थी। क्योंकि पूर्व जयराम सरकार में केंद्रीय वित्त मंत्री ने हिमाचल को मदद का आश्वासन दिया गया था लेकिन बजट में निराशा ही हाथ लगी है।
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