
गुरुवार रात को भी 7 बजकर 38 मिनट पर लाहौल स्पीति में 3.7 रिक्टर स्केल पर भूकंप आया था. हालांकि, दोनों बार किसी तरह के जान-माल का नुकसान नहीं हुआ है. लेकिन हिमाचल में लगातर भूकंप के झटके लगने से लोगों में दहशत है.
हिमाचल प्रदेश में 24 घंटे में दूसरी बार भूंकप (Earthquake) के झटके लगे हैं. गुरुवार रात के बाद अब शुक्रवार सुबह हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) की धरती डोली है. दोनों ही बार जनजातीय जिले लाहौल स्पीति (Earthquake in Lahaul Spiti) में भूकंप आया है. शुक्रवार सुबह 10 बजकर 46 मिनट पर लाहौल स्पीति में भूकंप आया है.
रिक्टर स्केल पर इसका पैमाना 3.4 रहा है. भूंकप का केंद्र जमीन से अंदर पांच किमी नीचे था. इससे पहले, गुरुवार रात को 7 बजकर 38 मिनट पर लाहौल स्पीति में 3.7 रिक्टर स्केल पर भूकंप आया था. हालांकि, दोनों बार किसी तरह के जान-माल का नुकसान नहीं हुआ है. लेकिन हिमाचल में लगातर भूकंप के झटके लगने से लोगों में दहशत है. मौसम विभाग के शिमला केंद्र ने हल्का भूकंप आने की पुष्टि की है.
20 दिसंबर को भी आया था भूकंप
बीते साल 20 दिसंबर को शाम 5 बजकर 09 मिनट हिमाचल में भूकंप के झटके लगे. इस दौरान चार दिन में दूसरी बार भूकंप के झ़टके महसूस किए गए थे. 17 दिसंबर को कांगड़ा जिले में भूकंप (Earthquake in Kangra) आया था. कांगड़ा (Kangra) में भूकंप का पैमाना 3.0 रिक्टर स्केल रहा था. धरती से 10 किमी नीचे भूकंप का केंद्र था. किसी तरह के जानमान के नुकसान की खबर नहीं आई थी.
कांगड़ा में 1905 में हुई थी भारी तबाही
हिमाचल के कांगड़ा में साल 1905 में सदी का सबसे बड़ा भूकंप आया था. अनुमान है कि इस दौरान 20 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई थी और और एक लाख से अधिक घर ढह गए. तब से राज्य में तीन मैग्निच्यूड के 300 से अधिक भूकम्प दर्ज किए गए. बता दें कि चंबा (Chamba) जिले में सबसे अधिक भूकंप आते हैं. हिमाचल भूकंप संभावित क्षेत्रों के जोन-4 में आता है. मंडी और शिमला इस जोन में शामिल हैं. इसके अलावा, किन्नौर में हल्के झटके लगते रहते हैं.
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