
धर्मशाला, 11 जनवरी: हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ का राज्य स्तरीय जनरल हाउस जिला कांगड़ा के ज्वा लाजी के रामकृष्ण होटल में सम्पन्न हुआ जिसमें तीसरी बार नवनिर्वाचित राज्य अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान की मौजूदगी में राज्य चीफ पैटर्न अरुण गुलेरिया, पैटर्न सरोज मेहता, राज्य चेयरमैन सचिन जसवाल, वरिष्ठ उपप्रधान संजीव ठाकुर, अजय शर्मा व कमल राज अत्री, उपप्रधान गोविन्दर पठनीय, राज्य महासचिव शाम लाल हांडा, वित्त सचिव देव राज ठाकुर, विभिन्न जिलों के अध्यक्ष जिनमे जिला चंबा से हरी प्रसाद, शिमला स3 महावीर कैंथला, हमीरपीर से सुनील शर्मा, कुल्लू से यशपाल, मंडी से तिलक राज नायक, किन्नौर से राधा कृष्ण नेगी, ऊना से डॉक्टर किशन लाल व बिलसपुर से राजेश संधू अपनी कार्यकारिणियों सहित उपस्थित रहे। सदन में सर्वप्रथम जिला कांगड़ा के शिक्षा खण्डों धर्मशाला, जवाली व नूरपुर के चुनाव सम्पन्न करवाये गए। खण्ड धर्मशाला से गुरदर्शन सिंह डडवाल को खण्ड अध्यक्ष जबकि पवन चौधरी को खण्ड महासचिव का दायित्व सौंपा गया। इसी तरह खण्ड जवाली से अध्यक्ष doctor vikas nanda, व महासचिव पवन धीमान, नूरपुर से विपिन चौधरी अध्यक्ष व कमल सिंह को राजा का तालाब से विपन शर्मा को अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई। राजकीय अध्यापक संघ के मौजूद लगभग 150 प्रतिनिधियों ने इस अवसर पर जिला कांगड़ा का अध्यक्ष चुना। नरदेव ठाकुर(शिक्षाखण्ड देहरा) को जिला कांगड़ा का अध्यक्ष व सुमन चौधरी(नगरोटा भगवा) को महासचिव चुना गया। नई जिला कार्यकारिणी के चयनित सदस्यों के शपथ केते ही सदन की कार्यवाही आरम्भ की गई। उपरोक्त शिक्षक नेताओं ने इस अवसर पर सदन को संवोधित भी किया। राज्य अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने इस अवसर ओर कहा कि संगठन में अनुशाशनहीनता बर्दास्त नही की जाएगी और अध्यापक हिट में कार्य कर रहे शिक्षकों को आगे आने का प्रोत्साहन दिया।
संजय चौधरी पुनः बने राजकीय अध्यापक संघ के राज्य प्रेस सचिव- इस अवसर पर धर्मशाला से शिक्षक नेता संजय चौधरी को राज्य संघ का पुनः प्रेस सचिव बनाया गया है। संगठन व शिक्षा में उनके बेहतरीन सहयोग हेतु उन्हें पुनः ये पद दिया गया है।
कार्यकारिणियों की आम राय से शिक्षक व शिक्षा हित में एक डिमांड चार्टर भी तैयार किया गया जिस हेतु प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जी से मिल कर यथाशीघ्र एक बैठक करने हेतु भी समय मांगा गया है। संघ की मुख्य मांगों में शिक्षा में गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु विभाग की 31 अक्टूबर 2005 की अधिसूचना एडीएन सी 3/2006 की अधिसूचना को तुरंत प्रभाव से लागू करने की मांग उठाई। प्रत्येक प्राथमिक पाठशाला में एक अध्यापक का अतिरिक्त पद सृजित करने की मांग उठाई। अध्यापकों को गैर शैक्षणिक कामों से पूर्णतया मुक्त रखा जाए। पुरानी पेंशन व्यस्था बहाल की जाए।अनुबंध शिक्षकों को समस्त लाभ तत्काल दिए जाएं। अध्यापकों की सेवनिव्रति आयु 62 साल हो। पदोन्नति पर ग्रेड पे रोकने सम्बन्धी अधिसूचना तुरन्त निरस्त हो। पदोन्नति हेतु पांच साल की सेवा अवधि को कम कर तीन वर्ष किया जाए। कालेज प्रवक्ता हुतु पदोन्नति नियमो में संशोधन कर योग्य स्कूल प्रध्यापकों को पदोन्नत किया जाए। सातवे वेतन आयोग की संस्तुतियों को यथाशीघ्र लागू किया जाए। उच्च व प्रारम्भिक निदेशकों की नियुक्ति प्रशाशनिक सेवा से की जाए। शास्त्री व भाषा शिक्षकों का नामकरण स्नातक अध्यापक किया जाए। समस्त राज्य बजट का कम से कम 6% खर्च शिक्षा पर खर्च किया जाए। राजकीय अध्यापक संघ के साथ जेसीसी मीटिंग बुलाई जाए व लेक्चरर न्यू अधिसूचना को तुरंत रद्द किया जाए। इस के साथ ही लगभग 43 सूत्रीय मांग उतर भी तैयार किया गया जो कि आगामी मुख्यमंत्री जी के बॉथक में उनके समक्ष उठाया जाएगा। ये जानकारी राज्य प्रेस सचिव संजय चौधरी ने दी।
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