
हिमाचल में एनसीसी कैडेटों के लिए पहली अकादमी खुलने वाली है। इसके लिए तैयारियां हो चुकी हैं। हालांकि, अभी ये तय नहीं कि अकादमी कहां खुलेगी। दो स्थानों का फिलहाल चयन किया गया है। यह प्रदेश की पहली एनसीसी ट्रेनिंग अकादमी होगी। इसके लिए एनसीसी ग्रुप हेडक्वार्टर ने राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा है। अकादमी बनने से प्रदेश के हजारों कैडेटों लाभान्वित होंगे।
कॉलेजों और स्कूलों में करीब 25 हजार कैडेट हैं। एनसीसी ग्रुप हेडक्वार्टर ने अकादमी बनने के लिए प्रदेश की दो जगह चिन्हित की हैं। मौजूदा समय में एनसीसी कैडेटों की ट्रेनिंग के लिए प्रदेश के स्कूलों-कॉलेजों में ट्रेनिंग कैंप लगाकर प्रशिक्षण दिया जाता है। कई बार तो कैडेटों को कैंप स्थापित करने के लिए कई तरह की कठिनाइयों से जूझना पड़ता था। इससे इन कैडेटों को ट्रेनिंग के लिए बेहतर सुविधा से वंचित होना पड़ता था।
कैंप में एनसीसी कैडेटों की संख्या ज्यादा होने की वजह से कई बार कैडेटों को एनसीसी ट्रेनिंग की गतिविधियों के समय काफी दिक्कतें आती थीं। न चाहते हुए भी उन्हें ट्रेनिंग के लिए जाना पड़ता था। लेकिन अब कैडेट अपनी अकादमी बनने से सेना और पुलिस में शामिल होने के लिए बेहतर प्रशिक्षण ले सकेंगे।
कैडेटों को फायरिंग के लिए मिलेगी बेहतर सुविधा
प्रदेश के स्कूल-कॉलेजों में एनसीसी ट्रेनिंग के लिए पर्याप्त स्थान नहीं है। अकादमी बनने से इन कैडेटों को ट्रेनिंग के दौरान शस्त्र प्रशिक्षण के लिए बेहतर प्रशिक्षण मिलेगा। इनमें फायरिंग रेज, फायरिंग प्वाइंट, टारगेट का रिपेयर का सामान और ट्रैकिंग के लिए आधुनिक किस्म के प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध होगी।
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