इस कारण मां नहीं देखती बेटे के फेरे, आज भी प्रचलित है यह प्रथा, वजह जानकर होगी हैरानी
February 18th, 2023 | Post by :- | 190 Views

रिलेशनशिप डेस्क : हर धर्म में अलग-अलग रीति-रिवाज से शादियां होती हैं। अगर हिंदू धर्म की बात की जाए तो इसमें कई सारी रस्में निभाई जाती हैं। उन्हीं में से एक रिवाज यह भी है कि बेटे की शादी के दौरान मां बारात में नहीं जाती है और ना ही वह अपने बेटे और बहू के फेरे अपनी आंखों से देखती हैं। इसके पीछे की वजह क्या है और क्यों आज भी यह परंपरा कई जगह निभाई जाती है आइए हम आपको बताते हैं…

क्यों मां नहीं देखती है बेटे के फेरे

भारत में आज भी उत्तराखंड, बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में यह परंपरा निभाई जाती है। जहां बेटे की शादी में मां नहीं जाती है और उसके फेरों को आंखों से नहीं देखती है। लेकिन, इसके पीछे की वजह क्या है? मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि जब भारत में मुगलों का राज था, तो वह ऐसे घरों को निशाना बनाते थे और चोरी और डकैती करते थे, जहां पर सभी लोग शादी में जाते थे। ऐसे में शादी वाले दिन लड़के के घर में लड़के की मां और सभी महिलाएं रहती थी और यहीं पर अपने मनोरंजन की चीजें करती थी। ताकि शादी के घर में चोरी-डकैती से बचा जा सके।

एक अन्य वजह

बेटी की शादी नहीं देखने के पीछे एक और वजह यह भी है कि मां अपनी बहू के स्वागत के लिए घर में रूकती है और यहां पर सारी तैयारियां करती हैं। इसी कारण वह बेटे की शादी में शरीक नहीं होती है और उसके फेरे नहीं देखती है। जब दुल्हन ससुराल पहुंचती है तो दूल्हे की मां घर के दरवाजे पर चावल का कलश रखकर उसकी आरती उतार कर उनका स्वागत करती है।

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