
शिमला : विधानसभा चुनाव में बेशक भाजपा की पराजय हुई हो लेकिन विपक्ष में जयराम ठाकुर की फिर से जय हो गई है। विपक्ष की सत्ता अब पूर्व मुख्यमंत्री के हाथों में आ गई है। भाजपा विधायक दल के नेता की कमान संभालते ही उन्होंने अपने इरादे भी जाहिर कर दिए। उन्होंने 594 कार्यालय बंद करने के सुक्खू के फैसलों को जन विरोधी तो करार दिया ही है, इस मुद्दे पर नई सरकार की घेराबंदी करने का भी ऐलान कर दिया है। अब तपोवन के सियासी तापमान में भी वृद्धि होगी। वहां होने वाले शीतकालीन सत्र के हंगामेदार रहने के पूरे आसार बन गए हैं। कार्यालयों को बंद करने के मामले में सत्ता पक्ष जहां रक्षात्मक मुद्रा में नजर आएगा, वहीं विपक्ष आक्रामक रहेगा। अभी मंत्रिमंडल का भी गठन नहीं हुआ है और सरकार ने पूर्व सरकार के 8 महीने में खोले गए कार्यालयों को बंद करने का बड़ा फैसला लिया है। विपक्ष इसे असंवैधानिक करार दे रहा है। पूर्व संसदीय कार्यमंत्री सुरेश भारद्वाज के अनुसार कार्यालयों को बंद करने का फैसला मंत्रिमंडल की बैठक में ही पलटा जा सकता था। इसके बगैर ऐसा करना असंवैधानिक कार्य हुआ है। इससे भाजपा को बड़ा मुद्दा मिल गया है जबकि अभी भाजपा हार के सदमे में है।
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