
धर्मशाला : पुलिस मैदान धर्मशाला में चल रहे सरस मेले में उद्योग विभाग ने प्रदेश के युवाओं को स्वरोजगार के जुड़ने का अवसर दिया है। विभाग की ओर से बकरी के दूध से बने साबुन की प्रदर्शनी लगाई गई है। इसके अलावा त्वचा देखभाल के उत्पाद भी रखे हैं। बकरी के दूध से तैयार इस साबुन की खास बात यह है कि इससे त्वचा पर किसी भी तरह को कोई नुकसान नहीं होगा। प्रदर्शनी में मौजूद विभागीय प्रतिनिधियों दावा है कि इस साबुन के इस्तेमाल से त्वचा में निखार आएगा और चेहरे के सभी दाग धब्बे खत्म हो जाएंगे।
उन्होंने बताया कि साबून को बनने के लिए किसी भी तरह के कैमिकल का उपयोग नहीं किया जाता है। सिर्फ बकरी का दूध और ग्लिसरिन डाला जाता है। इसके अलावा प्रदर्शनी में त्वचा देखभाल के लिए मसाज कैंडल यानि मोमबती भी शामिल है जो कि त्वचा को निखार देने का काम करता है। इस प्रदर्शनी का शुभारंभ धर्मशाला विधायक विशाल नैहरिया ने किया। विशाल नैहरिया ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से चल रहे वोकल फार लोकल को इस मेले में भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। क्षेत्र के लोग यहां से बहुत कुछ सीखकर स्वरोजगार से जुड़कर सकते हैं और नौकरी तलाश करने की बजाए खुद रोजगार देने के लिए सक्षम हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगली बार मेले का आयोजन करने से पहले ग्रामीण स्तर पर लाेगाें काे इस कार्यक्रम में जोड़ने के लिए गांव में जाकर लोगों को जागरूक किया जाएगा तथा उत्पाद से संबंधित जानकारी दी जाएगाी।
मेले में श्री स्वामी महिला स्वयं सहायता गट (समूह) उस्मानाबाद महाराष्ट्र की ओर से बच्चों को पौष्टिक आहार देने के लिए विभिन्न हरी सब्जियों के सेवइयां और पाउडर तैयार किए हैं। पिछले तीन सालों से महाराष्ट्र ग्रामीण जीवनोचती अभियान के तहत कार्य कर रही रहा है। समूह की प्रतिनिधि अस्मिता अविनाश सुर्यवंशी व गोकरना सुर्यवंशी का कहना है कि पिछले तीन सालों कुपोषित बच्चों के लिए पौष्टिक एवं स्वादिष्ट आहार तैयार को लेकर ही काम कर रहे हैं। इसी के तहत उनके समूह ने पालक, कीवी, गाजर, मैथी जैसे हर पौष्टिक आहार की सेवइयां बनाई हैं और पाउडर भी तैयार किया है। उन्हें लगभग हर हरी सब्जी का पाउडर तैयार किया है।
आमतौर पर बच्चे हरी सब्जियों को खाना पसंद नहीं करते हैं। ऐसे में उनके द्वारा तैयार किए गए पाउडर व सेवइयों की खिचड़ी या उपमा बनाकर बच्चों को पौष्टिक आहार आसानी से खिलाया जा सकता है। महाराष्ट्र सरकार की ओर से भी उनके उत्पादों को पोषण की दृष्टि से अग्रणी स्वीकार किया है। इसी के बाद उन्होंने पहली बार हिमाचल में अपने उत्पाद लाए हैं। विभिन्न पौष्टिक पदार्थों का यह पाउडर विभिन्न फ्लेवर में भी बनाया गया है।
दावा: केंसर को मात दे सकता है गेंहू के अंकुर का नाश्ता
स्वयं सहायता समूह के सदस्यता ने गेंहू के अंकुरों की सेवइयां तैयार की हैं। उनका दावा है कि इस पाउडर से केंसर की पहली या दूसरी स्टेज के मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि पुणे का एक केंसर इन सेवइयों का सेवन करके अब स्वस्थ हो चुका है। सेवइयां का उपमा या खिचड़ी बनाकर हर रोज सुबह नाश्ता करें, एक माह के बाद परिणाम खुद ब खुद आने लगते हैं।
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