मौत के साये में रातें गुजारने को मजबूर, यहां से सरकारी योजनाएं कोसों दूर
October 5th, 2019 | Post by :- | 352 Views
  • पूजा की टोकरियां बनाने वाले बुजुर्ग दंपति की पीएम मोदी से फरियाद
  • या तो मंदिर में प्लास्टिक की टोकरियां बंद करे सरकार, नहीं तो पेंशन व घर बनाकर दे
  • मंदिर में प्लास्टिक बैन से 1000 परिवारों को मिल सकता है रोजगार
देहरा,  भरी जवानी में जिसकी बेटी को ससुराल वालों ने मार डाला हो। जिसका जवान बेटा दो वक्त की रोटी के लिए 10 साल पहले घर से निकला हो और लौट के न आये। जो 80 साल की उम्र में भी अपनी पत्नी के साथ मिलकर मेहनत की रोटी खाता हो उसकी सरकार तो क्या भगवान भी नहीं सुनता। ये उस मेहनतकश इंसान की कहानी है जिसके वोट की जरूरत हुक्मरानों को तो पड़ती है लेकिन इनकी नजर उनपर नहीं पड़ती। आइए आपको ले चलते हैं जिला कांगड़ा की ज्वालामुखी विधानसभा की ग्राम पंचायत अम्ब पठियार में। जहां बुजुर्ग दम्पति मिलाप चंद व बिमला देवी ये आस लगाए बैठे है कि कभी तो नई सुबह होगी जब उनको नया घर व वृद्धा पेंशन मिलेगी। पेशे से बांस की टोकरियां बनाने वाला ये दंपति ज्वालामुखी मंदिर के दुकानदारों को टोकरियां बेचकर अपना गुजर बसर कर रहा है। लेकिन मंदिर में बांस की टोकरियों की जगह अब प्लास्टिक की टोकरियों ने ले ली है। जिससे इनके घर में एक टाइम ही खाना बन पाता है। इनके पास एक कच्चा मकान है वो भी गिरने वाला है। बारिश व तूफान में मकान गिरने के डर से रातें बाहर गुजारनी पड़ती है। ऐसे में अब बुजुर्ग दंपति पीएम नरेंद्र मोदी से ज्वालामुखी मंदिर में प्लास्टिक की टोकरियों को बैन करने की मांग कर रहे हैं ताकि उनकी बांस की टोकरियां बिक सके और वह दो वक्त की रोटी खा सके। अगर मंदिर में प्लास्टिक बैन कर दिया जाए तो क्षेत्र में लगभग 1000 परिवारों को रोजगार के अवसर मिल सकते हैं।
न मकान न पेंशन बुजुर्ग को प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत नए घर की दरकार है। वहीं बुजुर्ग ने ध्वाला व संजय रत्न से कई बार अपने लिए वृद्धा पेंशन व मकान बनाने की मांग की लेकिन किसी ने भी सुनवाई नहीं की। ज्वालामुखी विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत अंब पठियार के बुजुर्ग दंपति जबरन बीपीएल सूची से निकालकर पंचायत को बीपीएल मुक्त घोषित भी कर दिया है।
यहां रहते हुए कई बरस बीत गए न किसी पंचायत प्रधान ने मेरा दर्द सुना ना ही किसी अधिकारी ने आज भी बिना पक्के घर और बिना पैंशन को रहने को मजबूर हैं। यह दर्द ज्वालामुखी विस की समीपवर्ती पंचायत अंब पठियार के बार्ड 7 में रहे रहे बुजुर्ग दंपति मिलाप चंद पत्नी बिमला देवी के सीने से ब्यां हुआ।
भारत सरकार ने जहां बुजुर्गों के लिए पक्के घर पैंशन की योजनाऐं शुरु कर रखी हैं वहीं यह बुजुर्ग दंपति मौजूदा वक्त में भी उन सभी योजनाओं से महरुम है। योजना बोर्ड उपाध्यक्ष रमेश ध्वाला के गृह विधानसभा क्षेत्र में रहने वाली यह बुजुर्ग दंपति आज भी सरकार व पंचायत से आस लगाए वैठा है कि उसे पक्का घर व पैंशन जरुर मिलेगी लेकिन इसी आस में कब इस दुनियां से चलें जाऐगें यह दर्द भी जुबां पर है।
मिलाप चंद और उनकी पत्नी बिमला देवी ने अपने दर्द को बताते हुए बताया कि वह बांस की टोकरी बनाकर अपना भरण पोषण करते हैं उनके घर में सिर्फ वही दो रहते हैं। घर कच्चा है बारिश में डर लगता है हर बक्त की कहीं गिर गया तो सर से छत भी छिन जाएगी। इसी डर से घर के बाहर विस्तर लगाकर भी सोना पडता है। स्थानीय युवक सुनील ने उनकी मदद की है कि कई बार उनकी समस्या को उसने अफसरों व स्थानीय पंचों के ध्यान में लाया लेकिन आज दिन तक कोई मदद नही हुई। बुढापे में चलने को भी असमर्थ हैं। हम सरकार व प्रशासन से चाहते हैं कि जल्द उन्हे पक्का घर व पैंशन योजना का लाभ मिले। स्थानीय पंचायत ने भी आज दिन तक कोई भी सहारा नही दिया।
पंचायत स्तर पर प्रधानमंत्री आवास योजना में डाला है बुजुर्ग दंपति का केस: राजीव सूद
बीडीओ देहरा राजीव सूद का इस सदर्भ में कहना है कि पंचायत ने प्रधानमंत्री आवास योजना में इस परिवार को डाला है। पूरी उम्मीद है कि जल्द ही पक्के घर का कार्य शुरु होगा। वहीं बीपीएल से बाहर किए जाने की सूरत में एसडीएम ज्वालामुखी को अपील करके अपना पक्ष रखें ।
अम्ब पठियार पंचायत प्रधान जय देवी ने इस सदर्भ में बताया कि इस परिवार के साथ अन्य को भी प्रधानमंत्री आवास योजना में डाला गया है। वहीं बीपीएल मुक्त हुई पंचायत तब यह बाहर हुए उसके बाद दोबारा से सरकार के आदेश है कि पंचायत में कई जरुरतमंद हैं उन्हे बीपीएल में डाला जाए तो नए आदेशों के मुताबिक अक्तूबर में बीपीएल में पात्र लोगों को डाला जाएगा।

कृपया अपनी खबरें, सूचनाएं या फिर शिकायतें सीधे news4himachal@gmail.com पर भेजें। इस वेबसाइट पर प्रकाशित लेख लेखकों, ब्लॉगरों और संवाद सूत्रों के निजी विचार हैं। मीडिया के हर पहलू को जनता के दरबार में ला खड़ा करने के लिए यह एक सार्वजनिक मंच है।