
शिमला : राजधानी शिमला के साथ लगते जाठिया देवी में नया शहर बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में इसका ऐलान किया। इसकी डीपीआर जल्द तैयार होगी। इसके लिए 1373 करोड़ देने की घोषणा मुख्यमंत्री ने बजट में की है।
प्रदेश में 75 साल के बाद कोई नया शहर बनाया जा रहा है। जाठिया देवी शिमला से करीब 18 किलोमीटर दूर नालागढ़ रोड़ पर स्थित है। जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट से करीब 3 किलोमीटर पीछे यह स्थान है। पूर्व में जब वीरभद्र सिंह की सरकार थी और सुधीर शर्मा शहरी विकास विभाग के मंत्री थे तब यहां पर टाउनशिप बनाने की योजना तैयार की गई थी। इसके लिए हिमुडा ने करोड़ों का लोन भी लिया था। सत्ता परिवर्तन के बाद सरकार का यह प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। अब मुख्यमंत्री के ऐलान के बाद उम्मीद है कि यह योजना फिर से सिरे चढ़ेगी।
यह है योजना
शिमला शहर अंग्रेजों के जमाने का बसाया हुआ है। केवल 25 हजार लोगों के लिए बना था शिमला शहर की आबादी अब पौने दो लाख से भी अधिक है। एनजीटी ने शहर में लगातार बढ़ते भार को कम करने के लिए यहां ढाई मंजिल से ज्यादा भवनों के निर्माण पर रोक लगा दी है। सरकार शिमला के साथ नया शहर बनाकर शिमला में बढ़ रहे भार को कम करने का प्रयास करेगी।
आईजीएमसी में रोबोटिक सर्जरी बनेगा विभाग
इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल आईजीएमसी में रोबोटिक सर्जरी विभाग बनेगा। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बजट में इसका ऐलान किया। इसके तहत आंत, कैंसर, लिवर समेत गंभीर बीमारियों के मरीजों को इसका लाभ होगा। रोबोटिक मशीन की कीमत लगभग 25 करोड़ तक है। अभी पीजीआई चंडीगढ़ के चिकित्सक इस तरीके से सर्जरी करते हैं।
रोबोटिक सर्जरी में एक चिकित्सक कंसोल में बैठकर सर्जिकल साधनों की मदद से पेट के कैंसर, बड़ी आंत, प्रोस्टेट और लिवर के कैंसर का ऑपरेशन आसानी से और जल्दी कर सकेगा। इससे चिकित्सक बीमारी को सही तरह से देख सकेंगे। एक सामान्य तरीके से ऑपरेशन करने में जहां तीन घंटे लगते हैं, जबकि रोबोटिक सर्जरी से ऑपरेशन एक से डेढ़ घंटे में ही हो जाएगा। इसके अलावा पांच से सात लोगों के बजाय एक चिकित्सक, एक एनेस्थीसिया चिकित्सक और एक सिस्टर पूरे ऑपरेशन का काम संभालेगी।
तारों के मक्कड़जाल से मिलेगी राहत, बनेगा डक्ट
राजधानी को केबल और बिजली तारों के जंजाल से राहत दिलाने के लिए डक्ट बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बजट में इसका ऐलान किया है। डक्ट बनाकर बिजली, केवल की तारों को भूमिगत किया जाएगा। यही नहीं मोबाइल कंपनियां जो ऑप्टिकल लाइन बिछाने के लिए बार बार खुदाई करती है उसकी भी जरूरत नहीं पड़ेगी।
डक्ट निर्माण के लिए तीन से चार विभाग मिलकर काम करेंगे। कहां पर डक्ट बनेगा, कितना चौड़ा बनेगा, इसे बनाने को लेकर क्या परेशानियां हैं, कितना खर्च आएगा और कितने समय में यह तैयार होगा पहले इसकी रूपरेखा तैयार होगी उसके बाद निर्माण शुरू होगा। शहर में अभी बिजली तार के अलावा केबल भी हवा में लटकी है। पूरे शहर में इन तारों का जंजाल बिछा है।
इससे हादसे का खतरा है। कई बार बिजली तार में शार्ट सर्किट होने से आगजनी की घटनाएं हो चुकी हैं। जगह-जगह सड़कों पर खड़े बिजली खंभों के कारण बाजार में वाहनों की आवाजाही भी प्रभावित होती है। वहीं केबल व अन्य तारों से शहर की सुंदरता को भी ग्रहण लग रहा है।
बैटनल कैसल संग्रहालय पर्यटकों के लिए जल्द खुलेगा
राजधानी शिमला स्थित बैटनल कैसल को जल्द ही पर्यटकों की आवाजाही के लिए शुरू किया जाएगा। यहां पर पार्क की सुविधा भी होगी। पिछले काफी समय से इसका काम चल रहा है।
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