हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ: पांच पदाधिकारी तीन वर्ष के लिए निष्कासित, अध्यक्ष वीरेंद्र ने की कार्रवाई #news4
April 21st, 2022
| Post by :- Ajay Saki
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हिमाचल प्रदेश राजकीय अध्यापक संघ के पांच पदाधिकारी तीन वर्ष के लिए निष्कासित कर दिए गए हैं। अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने अनुशासनहीनता होने पर संविधान के आर्टिकल छह के पैरा आठ के अनुसार यह कार्रवाई की है। उन्होंने महासचिव श्याम लाल हांडा, वित्त सचिव देवराज ठाकुर, प्रेस सचिव कैलाश ठाकुर, जिला अध्यक्ष शिमला महावीर कैंथला और सदस्य सुनील शर्मा को तीन वर्ष के लिए संघ की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित किया है। बीते दिनों इन पदाधिकारियों ने अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान को पद से बर्खास्त करने का फैसला लेते हुए कैलाश ठाकुर को कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त किया था।
प्रदेश में शिक्षकों के सबसे बड़े संगठन में गुटबाजी नहीं थम रही है। कुछ वर्ष पहले मंडी से नरेश महाजन ने संघ को दोफाड़ कर खुद को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त कर दिया था। अब कैलाश ठाकुर गुट ने उसी तर्ज पर वीरेंद्र चौहान को अध्यक्ष पद से बर्खास्त कर खुद संघ की कमान संभाल ली है। अब अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने पांच पदाधिकारियों को निष्कासित कर दिया है। उन्होंने कहा कि संघ के संविधान के अनुसार आर्टिकल छह के पैरा आठ के अनुसार केवल प्रदेश अध्यक्ष को ही यह अधिकार दिए गए हैं कि वह संघ के किसी भी पदाधिकारी या सदस्य को निष्कासित कर सकता है।
संविधान के आर्टिकल 11 के सेक्शन आठ में अविश्वास प्रस्ताव लाने का भी प्रावधान है। संघ के किसी भी चुने हुए पदाधिकारी या अध्यक्ष के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है। इसके लिए सबसे पहले काउंसिल के कुल सदस्यों/डेलीगेट्स का एक चौथाई भाग महासचिव को स्टेट काउंसिल की आपात बैठक निर्धारित करने के लिए लिखित में आवेदन करेगा। उसके बाद महासचिव की ओर से कम से कम 3 दिन पहले एजेंडा नोटिस काउंसिल के सभी डेलीगेट्स को लिखित में जारी करने का प्रावधान है। बैठक के दौरान कोरम पूरा होना आवश्यक है। चौहान ने कहा कि बीते दिनों जिस तरह कुछ पदाधिकारियों ने अध्यक्ष को बर्खास्त करने का ड्रामा किया था, वह एक बहुत बड़ी अनुशासनहीनता है। संगठन को तोड़ने की बड़ी साजिश है।
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