
धर्मशाला : हिमाचल प्रदेश में सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले कांगड़ा जिला की मंत्रिमंडल के गठन में अनदेखी हुई है। आबादी के हिसाब से सबसे बड़े जिला में 15 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें से 10 विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी विजयी हुए हैं। जबकि चार भाजपा व एक निर्दलीय है। जिला कांगड़ा को अधिक मंत्री मिले की उम्मीद थी, लेकिन जिला कांगड़ा के लोगों की यह उम्मीद पूरी नहीं हो सकी है। चार से अधिक मंत्री बनाए जाने की चर्चाएं जिला में होती रही, लेकिन अब जब मंत्रिमंडल का गठन हुआ है तो जिला कांगड़ा को एक मंत्री जवाली के विधायक चंद्र कुमार के रूप मिला है।
वरिष्ठ नेता सुधीर शर्मा भी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं
कांगड़ा को दो मुख्य संसदीय सचिव पालमपुर विधानसभा क्षेत्र के आशीष बुटेल व बैजजाथ विधानसभा क्षेत्र से किशोरी लाल के रूप में मिले हैं। जबकि अन्य विधायकों को मंत्री बनाने को लेकर जो चर्चाएं चल रही थी उन पर विराम लग गया है। धर्मशाला के विधायक व वरिष्ठ नेता सुधीर शर्मा भी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हैं। ज्वालामुखी के विधायक संजय रत्न, फतेहपुर के विधायक भवानी पठानिया सहित नगरोटा बगवां के विधायक रघुवीर सिंह बाली के नाम भी चर्चा में था, लेकिन इन्हें भी स्थान नहीं मिल सका है। ऐसे में एक मंत्री कांगड़ा को मिला है, जिससे कांगड़ा की अनदेखी सामने दिख रही रही है। मंत्रि व मुख्य संसदीय सचिवों के शपथ ग्रहण के साथ लोगों में भी अनदेखी की चर्चा शुरू हो गई है।
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