
एक तरफ हिमाचल प्रदेश साफ सुथरी हवा और पानी के लिए जाना जाता है, तो दूसरी तरफ यहॉं लगाए गए दवा उद्योग, जहर उगल रहे हैं। आलम यह है कि हर वर्ष बद्दी की ही लगभग 100 कंपनियों को नकली दवाएं बनाने पर ब्लैकलिस्ट किया जाता है। हिमाचल में बन रही 13 दवाओं के सैंपल फेल हो गए हैं। पिछले 10 महीनों में निर्धारित मानकों पर फेल हुई दवाओं की संख्या बढ़कर 90 हो गई है। केंद्रीय दवा मानक नियंत्रक संगठन (सीडीएससीओ) ने इस माह का ड्रग अलर्ट जारी किया है। इसमें देश भर में 36 दवाओं के सैंपल हुए हैं। सीडीएससीओ ने देश भर में 1163 दवाओं के सैंपलों की जांच की जिसमें 36 दवाओं के सैंपल हुए हैं। इसमें से 13 दवाओं का उत्पादन हिमाचल में हो रहा है।
हिमाचल में सबसे अधिक बीबीएन औद्योगिक क्षेत्र की 9 दवाओं के सैंपल हुए हैं जबकि जिला कांगड़ा के संसारपुर टैरेस के 2, जिला ऊना के हरोली व जिला सिरमौर के कालाअंब उद्योग का 1-1 सैंपल फेल हुआ है। जिन दवाओं के सैंपल हुए उनमें हार्ट, बीपी, शूगर, बुखार, एंटीबायोटिक, कैल्शियम व एलर्जी इत्यादि की दवाओं के सैंपल शामिल हैं। ड्रग विभाग ने उन सभी उद्योगों को बाजार से उन दवाओं के बैच के स्टॉक रिकॉल करने के निर्देश जारी कर दिए हैं जिनके सैंपल फेल हुए हैं।
सीडीएससीओ से मिली जानकारी के अनुसार हनुचैम लैबोरेटरीज मानपुरा बद्दी की एजिथोरोमिसिन ओरल सस्पैंशन 100 एमजी का बैच नंबर-एल-1724703, बॉयोजैनिटिक ड्रग झाड़माजरी की एलबुप्रोफेन टैबलेट 400 एमजी का बैच 01019-बीजेए 36, पार्क फार्मास्यूटिकल कालुझिंडा नजदीक नानकपुर बद्दी की मॉक्सिफलॉक्सिन आईड्रॉप का बैच एलएचएल-2692, अपासमाई ओकुलर डिवाइस काठा बद्दी की टोबोट्र आई ड्रॉप 5 एसएल का बैच-ईटीबी 045, क्योरटैक स्किन केयर भटोलीकलां भुड्ड की बैटामिथसन डिप्रोप्रियोनिट क्रीम का बैच आरडी 459, जीएनबी मैडीकालैब नालागढ़ की (आईएलएवीई-625 टैबलेट) का बैच-टीजी19-32, जीएमबी मैडीकालैब नालागढ़ की सिफिक्सिम डिसप्रिजिबल टैबलेट (एसएएमसीईएफ-200डीटी) का बैच-टीएफ 19-88, अलजैन हैल्थ केयर कालाअंब सिरमौर की लुजोल का बैच 393, विंग्ज बायोटैक बद्दी की कैल्शियम कार्बोनेट टैबलेट का बैच-सीबीआरटी 1041, जीएनबी मैडीकालैब नालागढ़ की (अनुमोक्स-सीवी-एलबी टैबलेट) का बैच-टीजी 19-36, टीटानैस फार्मा हरोली ऊना की मैटफोरमाइन हाईड्रोक्लोराइड टैबलेट का बैच-एम. 500 एसआरटी 1901, केयरमैक्स फॉर्मूलेशन संसारपुर टैरेस कांगड़ा की (एमिकाकेयर 500) का बैच-सीएलआई 6868 व टैरेस फार्मास्यूटिकल कांगड़ा की रैमीप्रिल टैबलेट का बैच-एसटीएन 181394 ए. का सैंपल फेल हो गया है।
पूरे प्रकरण पर स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार का कहना है कि प्रदेश में जिन उद्योगों की दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं वे सभी ब्लैकलिस्ट किए जाएंगे। दवाओं की गुणवत्ता से किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। लेकिन यही कंपनियां, कुछ ही दिनों में, किसी दूसरे नाम से दोबारा कारोबार करने लग जाएंगी।
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