तीन प्रकार के प्यार, किस तरह आपकी ज़िंदगी को बदल देते हैं
July 4th, 2023 | Post by :- | 32 Views

ज़्यादातर लोगों का मानना है कि जीवन में सच्चा प्यार केवल एक बार होता है. पर हक़ीक़त यह है कि पहले प्यार में असफलता मिलने के बाद ज़्यादातर लोगों को दूसरी बार भी सच्चावाला प्यार होता है. यहां तक की तीसरी, चौथी बार भी. यानी हम कह सकते हैं सच्चा प्यार बार-बार हो सकता है. आप कहेंगे जो बार-बार हो वह सच्चा प्यार कैसे हो सकता है. देखिए प्यार तो हर बार वाला सच्चा ही होता है, बस परिस्थितियों के अनुसार उसका प्रकार बदल जाता है. यहां हम तीन तरह के प्यार के बारे में बात करने जा रहे हैं और यह भी कि किस तरह का प्यार किन सिचुएशन्स में पैदा होता है. और हर प्रकार का प्यार हमें क्या से क्या बना देता है.

प्यार का पहला प्रकार: परिकथाओं वाला प्यार 
यह वह प्यार है, जो हम फ़िल्मों में देखते आए हैं. रोमैंटिक नॉवेल्स में पढ़ते रहे हैं. प्यार का यह प्रकार सच्चा ही नहीं बिल्कुल परफ़ेक्ट लगता है. लड़का-लड़की मिले, एक-दूजे को देखा, फिर हमेशा-हमेशा के लिए एक-दूसरे के होकर रह गए. यह वाला सच्चा प्यार दुनियाभर को सच्चा लगेगा, पर जो दो लोग इसमें इन्वॉल्व हैं, उनके लिए कुछ समय बाद यानी जब प्यार का ख़ुमार उतर जाएगा तो ज़िंदगी एक नॉर्मल कपल सी हो जाएगी. एक-दूसरे के बारे में उन्हें कई सारी अच्छी-बुरी बातें पता चलेंगी. रिश्ते में खटास और मिठास आती रहेगी. वहीं सालों बात भी वे दुनिया के लिए आदर्श कपल बने रहेंगे. उनका रिश्ता असल ज़िंदगी में जितना प्यार नहीं होगा, उससे कहीं ज़्यादा दुनिया की निगाहों में रहेगा. लोग उनके प्यार का उदाहरण देंगे और यह जोड़ा भी जीवनभर इसी इमेज को जीता रहेगा. अगर आपका प्यार परिकथाओं वाला प्यार है तो आप एक समय के बाद वह बन जाएंगे, जो आप थे नहीं. यानी प्यार आपको एक बेहतर इंसान बना देगा, बेशक दिखावटी ही सही. परिकथाओं वाले प्यार में अंदर ही अंदर एक तरह की घुटन होती है, जो दुनिया को कभी भी दिखाई नहीं देगी.

प्यार का दूसरा प्रकार: दर्द देनेवाला प्यार 
बहुत पुरानी कहावत है, वह प्यार ही क्या, जिसमें दर्द न हो. यह सच है कि दर्द के बाद हम और निखकर कर आते हैं, और मज़बूत बनते हैं. पर जब आपको प्यार में ही दर्द मिले यानी आपका प्रेमी या प्रेमिका आपको दर्द दे तो आपकी ज़िंदगी बेहद मुश्क़िल दौर से गुज़रती है. यह दर्द चाहे भावनात्मक हो या शारीरिक आपको तोड़ने के लिए काफ़ी होता है. आपको एक समय के बाद अपने चुनाव पर पछतावा होने लगता है. कभी-कभी आपको अपने अंदर ही कमी महसूस होने लगती है. आपको लग सकता है कि आपके साथ जो कुछ भी ग़लत हो रहा है, उसके ज़िम्मेदार सिर्फ़ और सिर्फ़ आप हैं. इस तरह के प्यार का दो अंत होता है. पहला आप इस प्यार को संभालने के लिए ज़िंदगीभर साथी के अब्यूसिव व्यवहार को सहते हैं और अपना आत्मसम्मान खो बैठते हैं और दूसरा एक समय बाद यह दर्द आपको मज़बूत बना देता है और आप सम्मान के साथ इस रिश्ते से बाहर निकल जाते हैं और एक बेहतर ज़िंदगी की तरफ़ क़दम बढ़ाते हैं. आपका आत्मसम्मान और आत्मविश्वास दोनों ही निखर जाता है.

प्यार का तीसरा प्रकार: अनपेक्षित प्यार 
अक्सर हमें उसी से प्यार होता है, हम जिसके बारे में सोचते रहते हैं. या जिससे हमारी पसंद या नापसंद मिलती है. या जो हमारे आसपास का होता है. पर कभी-कभी ज़िंदगी ऐसे खेल खेलती है कि हमारे साथ बहुत कुछ ऐसा घटता है, जिसके बारे में हमने सपने में भी नहीं सोचा होता है. अनपेक्षित लव भी कुछ ऐसा ही होता है. आपको किसी ऐसे व्यक्ति से प्यार हो जाता है, जिसके विचार, रहनसहन आपसे बिल्कुल भी मेल नहीं खाते. फिर भी न जाने कौन-सा आकर्षण आपको उसकी ओर खींचकर ले जाता है. आप दोनों के बीच में किस बात का कनेक्शन है, यह साफ़-साफ़ एक्सप्लेन नहीं किया जा सकता. ऐसे फ़िल्मों में दिखाते हैं अच्छी लड़की को बैड बॉय से प्यार हो जाना, अमीर का ग़रीब से. यह दुनिया के लिए अजूबा भले लगे, पर अपोज़िट अट्रैक्ट्स के फ़िज़िक्स के नियम के बिल्कुल अनुकूल होता है यह वाला प्यार.
इस प्यार में आगे होता यह है कि अगर यह सच्चा होता है तो दोनों पार्टनर्स अपने मूल व्यवहार को छोड़कर एक मिडल ग्राउंड पर आते हैं. यानी दोनों ही थोड़ा-थोड़ा बदलते हैं और प्यार को निभा ले जाते हैं. जब प्यार में आप अच्छे के लिए बदलते हैं तो आप ख़ुद भी एक अच्छे इंसान बनते हैं. दूसरे शब्दों में कहें तो हम कह सकते हैं कि जब अनपेक्षित प्यार जीवनभर बना रहे तो इंसान सही मायने में अच्छे बन जाते हैं. इस तरह के प्यार में कभी-कभी ऐसा भी देखने मिलता है कि दोनों प्रेमियों को एक समय बाद लगने लगता है कि वे ग़लत रिश्ते में पड़ गए हैं. वे एक-दूसरे को बदलने की कोशिश करते हैं. लड़ते-झगड़ते हैं और फिर अपना सच्चा वाला प्यार तलाशने के सफ़र में अलग-अलग दिशा में बढ़ जाते हैं

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