
मॉनसून सीजन में न सिर्फ हिमाचल के रास्तोंं का बुरा हाल है। लैंडस्लाइड्स से रूटीन जीवन अस्त व्यस्त हो रहा है। बल्कि स्कूली बच्चे भी खतरे की जद में पढ़ रहे हैं। हाल फिलहाल प्रदेश के दो स्कूलों के ऐसे हालात बने हुए हैं कि बच्चों का वहां पढ़ना खतरे से खाली नहीं है।
चंबा जिले के शिक्षा खंड कल्हेल के कंगेला स्कूल में पहाड़ी से पत्थर गिरने से खतरा बना हुआ है, वहीं सोलन के जाबली में डंगा धराशाही हो गया। इससे स्कूल खतरे की जद में आ गया है। इसलिए समय रहते सरकार को इस समस्या का हल निकालना पड़ेगा।
बता दें कि स्कूल खतरे की जद में होने से अभिभावक भी सहमे हुए हैं और बच्चों को स्कूल भेजने से कतरा रहे हैं। इसी के चलते नाम मात्र बच्चे ही स्कूलों में पढ़ने आ रहे हैं। इस समस्या के हल के लिए शनिवार को शिक्षा विभाग की टीम पीडब्ल्यूडी के कनिष्ठ अभियंता के साथ क्षतिग्रस्त हुए कंगेला स्कूल का दौरा करेगी। इसके बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा।
परवाणू से सोलन फोरलेन निर्माण की वजह से जाबली में स्थित सरकारी स्कूल के ठीक सामने लगाया गया डंगा भारी बारिश से गिर गया है। यही नहीं इस डंगे से स्कूल के आगे लगे पेड़ भी ढंगे के साथ ही गिर गए, जिससे स्कूल भवन को खतरा पैदा हो गया है। अगर बारिश का दौर इसी तरह से जारी रहा तो स्कूल भवन कभी भी गिरने की कगार पर पहुंच सकता है।
बता दें कि परमाणु शिमला फोरलेन निर्माण कार्य के कारण परमाणू से लेकर सोलन तक कई भवनों में दरारें आ चुकी हैं व कई भवन जमींदोज हो चुके हैं। वहीं शुक्रवार को बारिश के दौरान जाबली स्कूल के नीचे फोरलेन कंपनी द्वारा लगाए गए डंगे और उसके ऊपर की मिट्टी खिसक गई और देखते ही देखते पूरा डंगा व डंगे के आगे लगे पेड़ धराशायी हो गया।
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