टैक्स स्लैब में बदलाव से मोदी सरकार को क्या होगा फायदा? Budget 2023 में सरकार क्यों दे रही इंफ्रा पर जोर?
February 1st, 2023
| Post by :- Ajay Saki
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नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में मोदी सरकार 2.0 का आखिरी पूर्ण बजट पेश किया। राजनीति से लेकर वित्त जगत तक सभी लोग इसके विश्लेषण में लगे हुए हैं। शेयर बाजार ने पहले तो बजट को हाथों हाथ लिया और फिर उसमें तेजी से गिरावट आई। हालांकि बाद में फिर यह कुछ हद तक संभला लेकिन दिन के अंत में सेंसेक्स हरे और निफ्टी लाल निशान में बंद हुआ। हमने फाइनेंशियल एक्सपर्ट और फिनेस्ट्रोसाइकल्स के फाउंडर नितिन भंडारी से बात कर जाना कि बजट कैसा है और फाइनेंशियल मार्केट इस बजट को किस तरह देख रहा है?
भंडारी ने कहा कि इलेक्शन से पहले सरकार का आखिरी बजट है। इलेक्शन से पहले वाला बजट लोकलुभावन ही होता है। लेकिन इस बजट में सरकार ने कुछ चीजे अच्छी की है। इनकम टैक्स की सीमा बढ़ाई है। 7 लाख की इनकम पर कोई टैक्स नहीं भरना है। 10 लाख की आय पर मात्र 40 हजार रुपए टैक्स भरना होगा। टैक्स ब्रेकेट को बड़ा बनाने के लिए यह एक अच्छा कदम है। भारत में टैक्स पेयर काफी कम है। यह लोगों को उत्साहित करने का तरीका है कि 7 लाख तक कोई टैक्स नहीं देना है। इससे ज्यादा लोग टैक्स नेट में आएंगे।
इंफ्रास्ट्रक्चर पर क्यों है सरकार का जोर : उन्होंने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च को लेकर सरकार अलग तरह से सोच रही है। अगर खर्च करेंगे तो इकोनॉमी को पुश लगेगा। पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था मंदी के दौर में हैं। इसके बाद भी हम 7 प्रतिशत विकास दर के बारे में सोच रहे हैं तो यह इंफ्रा से ही आएगी। उदाहरण के लिए जब एक सड़क बनाई जाती है तो केवल एक सड़क ही नहीं बनती बल्कि सरिया, कैमिकल, मशीनरी, ऑइल सब कुछ मूव होता है। इससे आप रोजगार भी पैदा करते हैं और डायरेक्टली, इनडायरेक्टली अर्थव्यवस्था को भी बूस्ट करते हैं।
भंडारी ने कहा कि अगर इंफ्रास्ट्रक्चर अच्छा है तो आवागमन का साधन बढ़ जाता है। अब जैसे आप मात्र 6 घंटे में शिरडी से नागपुर जा सकते हैं, बॉम्बे से नागपुर आप 8 से 9 घंटे में पहुंच जाएंगे। इस सफर को तय करने में अभी 18 घंटे लगते हैं। सड़के अच्छी है, समय कम लगेगा, डीजल कम खर्च होगा।
टैक्स ही इनकम का स्त्रोत : उन्होंने कहा कि ओवरआल रूप से अच्छा बजट है। सरकार खर्चा कर रही है तो पैसा भी आपसे ही निकालेगी। अब जैसे LIC की मार्केट लिंक्ड पॉलिसी, 1 अप्रैल से जो भी पॉलिसी लिंक्ड होगी उस पर 5 लाख से ऊपर पर टैक्स लगेगा। सरकार के पास इनकम का स्त्रोत टैक्स ही है।
भंडारी ने कहा कि यह लोगों को सिस्टम से जोड़ने की बहुत अच्छी कोशिश है। बहुत सारी महिलाएं हैं जो नहीं आना चाहती, उन्हें इस सिस्टम से जोड़ने का यह अच्छा प्रयास है।
सबका साथ, सबका प्रयास : सरकार ने बजट में किसान, मध्यम वर्ग, MSME सबको साथ में लेकर चलने का प्रयास किया है। पहले सबका साथ सबका विकास था अब सबका साथ, सबका प्रयास के रूप में एक नया मंत्र सामने आया है।
बजट को शेयर बाजार ने किस तरह लिया : नीतीश भंडारी ने कहा कि हमारे यहां बाहर से जो पैसा आता था 2021 से ही फिर बाहर जा रहा है। फाइनेंशियल मार्केट पर बजट के असर को देखने के लिए हमें 1-2 दिन इंतजार करना चाहिए। बाजार की वॉलेटिलिटी को देखकर ऐसा लग रहा है कि बाजार जब नीचे गया तो बड़ा पैसा बाजार में आया है।
उन्होंने कहा कि हर किसी का बाजार को देखने का और निवेश करने का अपना नजरिया होता है। हो सकता है कि इंफ्रा कंपनियों में और पैसा आए। फिलहाल FPI भारतीय बाजारों के लिए नकारात्मक रूख अख्तियार किए हुए हैं लेकिन आने वाले 2-4 दिनों में देखना होगा किस तरह का मोमेंटम आता है। कल तक भी FII भारतीय बाजारों से पैसा निकाल ही रहे थे। बजट के बाद अब हो सकता है कि ग्रोथ फेक्टर को देखकर वह पैसा फिर भारत में आना शुरू हो जाए।
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