
दिवाली का त्यौहार शुरू हो गया है । ऐसे में हम सभी के घरों में और घरों के आस पास पटाखे चलना भी शुरू हो गया होगा । पटाखे चलाने वालों को तो पटाखे चला कर बहुत खुशी मिल जाती है । पर उसके कारा हुए प्रदूषण से घरों के बड़े बुजुर्गों , गर्भवती महिलाओं को और नवजात शिशुओं को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है ।
लोग जरा भी नही सोचते हैं की आज जहां सामन्य वातावरन में ही हमारा सांस लेना दूभर होता जा रहा है वहाँ पर यदि पटाखों का धुआँ और भी बढ़ जाएगा तो लोग जिएंगे कैसे ? खास कर बहुत छोटे बच्चे और बुजुर्ग और मरीज । ऐसे में उनकी सेहत का खास ख्याल रखना और भी बहुत ज्यादा जरूरी हो जाता है । आइये जानते हैं इस बारे में की क्या किया जाये ऐसी स्थिति में ?
बच्चों के कमरे में कपूर का धुआँ कर दें । कपूर में कई तरह के औषधीय गुण पाये जाते हैं यह सांस में होने वाली तकलीफ को दूर करने का काम करता है उसके साथ ही यह ऑक्सीज़न की कमी से भी होने वाली परेशानी को भी कम करने में सहायक होता है ।
बच्चों को शहद चटाये । इसमें एंटीबायोटइक और एंटीबेक्टीरियल गुण होते हैं इससे सांस की होने वाली तकलीफ से निजात मिलती है साथ ही ये बच्चों में इन्फेक्शन के खतरे को भी कम करता है ।
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