
स्कूल-कॉलेजों के 9700 मेधावियों को श्रीनिवास रामानुजन स्टूडेंट डिजिटल योजना के तहत मिलने वाले लैपटॉप के टेंडर रद्द हो गए हैं। टेंडर प्रक्रिया को लेकर उठे विवाद के बीच जयराम सरकार ने मंगलवार को यह बड़ा फैसला लिया।
अब नए सिरे से लैपटॉप खरीद की प्रक्रिया शुरू होगी। दो कंपनियों को टेंडर देने और खरीद के लिए पांच करोड़ का बजट बढ़ने से मामला विवादित हो गया था। 22 अगस्त को विधानसभा में कांग्रेस ने भी इसको लेकर खूब हंगामा किया था। इसी बीच सरकार ने लैपटॉप का रि-टेंडर करने का फैसला लिया है।लैपटॉप खरीद का जिम्मा राज्य इलेक्ट्रानिक निगम को दिया गया था। उच्च शिक्षा निदेशालय ने खरीद के लिए करीब 18 करोड़ का बजट निर्धारित किया था जबकि टेंडर में चुनी गई कंपनियाें ने 23 करोड़ के बजट में लैपटॉप देने की बात कही।
कारपोरेशन ने लैपटॉप खरीद के लिए पहली बार दो कंपनियों का चयन किया। एल वन कंपनी को 60 फीसदी और एल टू कंपनी को 40 फीसदी सप्लाई आर्डर देने की बात कही गई। बजट बढ़ने से शिक्षा निदेशालय की मुश्किलें बढ़ गई थीं।
वित्त महकमे से अतिरिक्त बजट मिलने की उम्मीद कम होने के चलते टेंडर को रद्द कर नए सिरे से दोबारा टेंडर करने की तैयारी महकमे ने शुरू कर दी थी। इससे पूर्व टेंडर प्रक्रिया की टेक्निकल बिड में भी पेच फंस गया था।
टेंडर में दिए गए तय मानक पूरे नहीं करने के आरोप में बाहर हुई कंपनी ने टेंडर प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे। मुख्यमंत्री से इस कंपनी ने शिकायत करते हुए जांच की मांग की थी। इसी कड़ी में मंगलवार को सरकार ने टेंडर रद्द कर दिए हैं।
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