
एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है। बयान में कहा गया है कि वीएल-एसआरएसएएम पोत से चलने वाली हथियार प्रणाली है, जिसका उद्देश्य सीमा पर विभिन्न हवाई खतरों से निपटना है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने मिशन की सफलता पर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय नौसेना को बधाई दी।
उन्होंने ट्वीट किया, डीआरडीओ, भारतीय नौसेना और रक्षा उद्योग को चांदीपुर, ओडिशा के तट पर वर्टिकल लांच शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल के सफल उड़ान परीक्षण के लिए बधाई। यह सफलता हवाई खतरों के खिलाफ भारतीय नौसेना के जहाजों की रक्षा क्षमता को और बढ़ाएगी।
बयान में कहा गया है कि वाहन के उड़ान पथ की निगरानी चांदीपुर आईटीआर द्वारा तैनात कई ट्रैकिंग उपकरणों का इस्तेमाल करके की गई। परीक्षण लांच की निगरानी डीआरडीओ और भारतीय नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने की।
नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार ने भी नौसेना और डीआरडीओ के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस स्वदेशी मिसाइल प्रणाली के विकास से भारतीय नौसेना की रक्षात्मक क्षमता और मजबूत होगी। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी ने अभियान में शामिल टीमों की सराहना की।
उन्होंने कहा कि हथियार प्रणाली भारतीय नौसेना के लिए लाभदायक साबित होगी और यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण की दिशा में एक और मील का पत्थर है।(भाषा)
फोटो सौजन्य : टि्वटर
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