
कुल्लू : अंतर्राष्ट्रीय दशहरा उत्सव के दूसरे दिन शनिवार को आलौकिक एवं भव्य तरीके से भगवान नरसिंह की जलेब यात्रा शुरू की गई। आकर्षण का केंद्र रहने वाली नरसिंह की पहली जलेब दोपहर बाद चार 4 बजे राजा की चनणी से शुरू हुई। शाही अंदाज में निकली जलेब को राजा की जलेब भी कहा जाता है। जलेब में कुल्लू के राजा और रघुनाथजी के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह परंपरा के अनुसार पालकी में सवार होकर यात्रा करते हैं। 5 दिनों तक चलने वाली इस जलेब में दशहरे में आए सैंकड़ों देवता बारी-बारी से भाग लेते हैं।
जलेब में जहां आगे-आगे नरसिंह भगवान की घोड़ी सज धज कर चली, वहीं राजा की पालकी के साथ दोनों तरफ दर्जन भर देवी-देवता के देव रथों ने चार चांद लगा दिए। राजा की जलेब पूरे ढालपुर की परिक्रमा कर फिर चनणी में आकर संपन्न हुई। नरसिंह की जलेब में कोठी महाराजा कमांद से 6 देवताओं वीर केला कमांद, महावीर बुआई, गढ़पती देवता लोट, पांचवीर महाराज, हूरगू नारायण व जौंगा जमदग्नि महाराजा आदि देवताओंं ने भाग लिया। इस जलेब में देवी-देवता व उनके हरियान ढोल-नगाड़ों की थाप पर नाचते-गाते आगे बढ़े। इस भव्य नजारे के सैंकड़ों श्रद्धालु भी गवाह बने।
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