
रियासतकालीन राजदेवता माधोराय की अगुवाई में शाही अंदाज में निकली जलेब के साथ ही अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव का शुभारंभ शनिवार को हुआ। प्राचीन परंपरा के अनुसार दोपहर 2 बजे निकली जलेब में माधोराय की पालकी के आगे-पीछे एक दर्जन से अधिक देवी-देवताओं के रथ साथ चले। देवताओं के साथ पारंपरिक वाद्य यंत्रों ढोल-नगाड़ों और नरसिंगों की धुनों पर नाचते-गाते देवलुओं ने भी जलेब की शोभा बढ़ाई। देव ध्वनि की गूंज से मंडी शहर भक्तिमय हो उठा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंडी के आराध्य देव बाबा भूतनाथ और राजदेवता माधोराय की पूजा-अर्चना कर जलेब में शिरकत की। इसके बाद पड्डल ग्राउंड में ध्वजारोहण कर सात दिवसीय महोत्सव का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री माधोराय मंदिर से सेरी मंच तक पैदल और सेरी मंच से पड्डल मैदान तक फिर खुली जीप में आए।
मेला कमेटी की ओर से मुख्यमंत्री और अन्य अतिथियों को पगड़ी पहनाई गई। इस बार पहली बार पगड़ी बंद कमरे के बजाय डीसी परिसर के प्रांगण में खुले में पहनाई गई। जहां गण्यमान्यों के लिए विशेष और आम लोगों के लिए पगड़ी पहनने की अलग व्यवस्था की गई है।
जलेब में जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर, शिवरात्रि मेला कमेटी के अध्यक्ष एवं उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर, एडीसी आशुतोष गर्ग, नगर परिषद अध्यक्ष सुमन ठाकुर आदि मौजूद रहे। इस बार भी 216 देवी देवताओं को मेले में शिरकत करने के लिए निमंत्रण दिया गया है। मेले का समापन 28 फरवरी को राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय करेंगे।
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