
केंद्र सरकार ने अलगाववादी संगठन जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) पर प्रतिबंध लगा दिया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि केंद्र ने यह कदम आतंकवाद निरोधक कानून के तहत उठाया है। जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए जेकेएलएफ पर प्रतिबंध लगाया गया।
1998 से घाटी में हिंसा फैला रहा है जेकेएलएफ- केंद्र
- अधिकारियों ने कहा कि गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून के तहत इस संगठन पर प्रतिबंध लगाया गया। यासिन मलिक टेरर फंडिंग से जुड़े मामले में जम्मू की कोट बलवाल जेल में बंद है। जमात-ए-इस्लामी के बाद जम्मू-कश्मीर में यह दूसरा संगठन है, जिस पर सरकार ने प्रतिबंध लगाया है।
- केंद्रीय गृह सचिव राजीव गाबा ने कहा कि केंद्र सरकार ने जेकेएलएफ पर प्रतिबंध लगाने का फैसला आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पॉलिसी के तहत लिया है।
- केंद्रीय गृह सचिव ने कहा कि जेकेएलएफ अलगाववादी सिद्धांतों पर चलने वाला प्रमुख संगठन है। यह घाटी में अलगाववादी मानसिकता को फैला रहा है। 1998 से घाटी में अलगाववादी गतिविधियों और हिंसक घटनाओं में यह संगठन सबसे आगे रहा है।
- उन्होंने कहा- बड़ी संख्या में अलगाववादी नेताओं को राज्य द्वारा सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है। इस मामले की समीक्षा की गई। समीक्षा पूरी होने के बाद ऐसे कई लोगों की सुरक्षा वापस ले ली गई। यह प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी।
- “जेकेएलएफ के खिलाफ जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा 37 केस दर्ज किए गए हैं। सीबीआई ने इस संगठन के खिलाफ दो केस दर्ज किए हैं, जो भारतीय वायुसेना के दो लोगों की हत्याओं से जुड़े हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) ने भी इस संगठन के खिलाफ एक केस दर्ज किया है, जिसकी जांच जारी है।”
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