
रक्त में शुगर की मात्रा की जांच अब बिना दर्द व खून निकाले संभव होगी। अब बस छू कर तन को शुगर का इशारा मिल जाएगा। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) मंडी के शोधकर्ताओं की देखरेख में स्टार्टअप के तहत काम कर रही बायोफी मेडिकल हेल्थकेयर ने आधुनिक नॉन इनवेसिव डायबिटिक प्रोफाइलर डिवाइस (ग्लूकोमीटर) ईजाद किया है।
मरीज की अंगुली में न तो सुई चुभानी पड़ेगी और न ही खून निकालने की जरूरत रहेगी। ग्लूकोमीटर बिना चुभे रक्त में शुगर की मात्र बताएगा। संक्रमण का भी कोई खतरा नहीं रहेगा। मरीजों व तीमारदारों को शुगर रीडिंग का रिकॉर्ड रखने के झंझट से भी निजात मिलेगी। ग्लूकोमीटर एप के माध्यम से मोबाइल व कंप्यूटर से जुड़ा रहेगा और हर बार की रीडिंग यानी रिपोर्ट अपने आप रिकॉर्ड में सेव होती रहेगी। मरीजों को मार्केट से बार-बार ग्लूको स्टिप नहीं रखनी होंगी।
आइआइटी मंडी ने स्टार्टअप के तहत बायोफी मेडिकल हेल्थकेयर को 50 लाख की आर्थिक सहायता दी थी। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रलय ने आइआइटी के शोधकर्ताओं को कम लागत का नॉन इनवेसिव त्वचा में (बिना छिद्र किए) ब्लड ग्लूकोज मॉनिटरिंग डिवाइस विकसित करने का जिम्मा सौंपा था। बायोफी मेडिकल हेल्थकेयर ने शोधकर्ताओं के मार्गदर्शन में इस कार्य को छह माह में संभव कर दिखाया है। डिवाइस क्लीनिकल ट्राइल की कसौटी पर खरा उतरा है। कोविड-19 के चलते अब यह दिसंबर से मार्केट में मिलेगा। इसकी कीमत 5000 से 7000 के बीच रहेगी। एक डिवाइस से सैकड़ों लोगों की शुगर जांच व रिकॉर्ड सेव करना संभव होगा।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
नॉन इनवेसिव डायबिटिक प्रोफाइलर क्लीनिकल ट्रायल की कसौटी पर खरा उतरा है। विशेषज्ञों की देखरेख में और क्लीनिकल ट्राइल किए जा रहे हैं। डिवाइस दिसंबर में मार्केट में उपलब्ध होगा। -डॉ. अमूथा रविकुमार, सीईओ बायोफी मेडिकल हेल्थकेयर।
स्टार्टअप के तहत बायोफी मेडिकल हेल्थकेयर कंपनी को 50 लाख की फंडिंग डिवाइस बनाने के लिए दी थी। डिवाइस शुगर के मरीजों को बहुत बड़ी राहत प्रदान करेगा। –प्रो. टिमोथी ए गोंजाल्विस, निदेशक आइआइटी मंडी।
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