
राजकीय माध्यमिक स्कूल कंडईवाला में ठोस कचरा प्रबंधन को लेकर अनूठी पहल शुरू हुई है। यहां कचरे से खाद तैयार की जा रही है। इसकी विशेषता है कि इस खाद में न तो कीड़े पड़ रहे हैं और न ही इसमें बदबू आ रही है। इसके लिए स्कूल के प्रभारी प्रदीप शर्मा ने नई तकनीक से टैंक तैयार करवाया है।
वैसे तो कई स्कूलों में जैविक खाद तैयार की जा रही है। लेकिन, वहां तैयार की खाद में बदबू और कीड़े की समस्या रहती है। कंडईवाला स्कूल में तैयार खाद से न तो बदबू आ रही है और न ही इसमें कीड़े पड़ रहे हैं। इसके लिए स्कूल में ऐरोबिक (ऑक्सीजन के साथ) तरीके से खाद तैयार करने के लिए अनूठी तकनीक से टैंक बनाया है।
खास बात यह है कि टैंक निर्माण में गलने वाले कचरे का इस्तेमाल किया गया है। टैंक के तल में ईंटों के साथ छिद्र वाली पीवीसी बिछाई है। दीवारों में पॉली ब्रिक्स और ब्रिक्स का इस्तेमाल किया है। टैंक की खासियत यह भी है कि इसके नीचे, ऊपर और सभी दीवारों से हवा का प्रवाह हो रहा है।
पूर्व डीसी डॉ. आरके परूथी कर चुके हैं प्रशंसा
कंडईवाला स्कूल के विज्ञान अध्यापक प्रदीप शर्मा के इस प्रयास की पूर्व डीसी डॉ. आरके परूथी प्रशंसा कर चुके हैं। उन्होंने इस तकनीक का इस्तेमाल सभी स्कूलों में करने की बात भी कही थी।
एक बार में सौ किलो तक तैयार होती है खाद
प्रदीप शर्मा ने बताया कि ऐरोबिक तरीके से खाद तैयार की जा रही है। यहां चार फीट लंबा, तीन फीट चौड़ा, चार फीट ऊंचा टैंक बनाया है। इसमें एक बार में 70 से 100 किलो खाद तैयार की जा रही है।
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