
काठगढ़ मंदिर मे श्री रामायण कथा
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O में आज आध्यात्मिक गुरु आचार्या सतीश शास्त्री जी ने अपने मुखारबिंद से कहा कि विश्वामित्र जी द्वारा राजा दशरथ जी से दो पुत्र श्रीराम व लक्षण जी को उत्तम शिक्षा व दिक्षा देने के लिये मांगा व वनों में जाकर सर्वप्रथम ताड़का व सुबाहु सहित अनेक राक्षसों को मारा तथा आगे चलकर उन्होंने ऋषि गौतम जी नारी अहिल्या जोकि अपने ही पति के श्राफ के कारण एक शिला के रुप में पर्वतीत होकर धरती पर पड़ी थी को प्रभु श्री राम जी के चरणों की हवा से उड़ी धूल मात्र से ही पुनः जीवित होकर उनका उदार हो गया इसके साथ उन्होंने कहा कि हम सबको अपने अपने बच्चों को सांस्कारिक बनाना चाहिए ताकि वो अपनी संस्कृति गुरूयो ,देश ,समाज व बड़ो के मान सम्मान के प्रति समर्पित रहे सभा के प्रेस सचिव सुरिन्दर शर्मा ने जानकारी देते हुए कहा कि 30 जुलाई तक चलने बाली इस कथा को श्रवण करने के लिये भारी संख्या मे श्रद्धालु भक्त पधार रहे हैं इस अवसर पर सभा के प्रधान ओमप्रकाश कटोच उपधान कुलदीप सिंह कोषाध्यक्ष रामेश कटोच ,सचिव गणेश दत्त शर्मा ,प्रेस सचिव सुरिन्दर शर्मा व प्रचार सचिव रमेश पठानिया ने मुख्य प्रवक्ता शस्त्री जी को फूल मालाये पहनकर स्वागत किया व आज की कथा के अंत मे प्रभु श्री राम जी की आरती उतारी।
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