Letter To Prime Minister: ‘महंगी हुई पेंसिल, मैगी के बढ़े दाम’, 6 साल की लड़की ने महंगाई को लेकर PM मोदी को लिखा लेटर #news4
August 1st, 2022
| Post by :- Ajay Saki
| 160 Views

कन्नौज। देश में बढ़ती महंगाई को लेकर जहां आम लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त है तो वहीं अब मासूम बच्चों को भी महंगाई की मार सताने लगी है। जिसके चलते उत्तरप्रदेश के कन्नौज में रहने वाली एक मासूम बच्ची ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखते हुए महंगाई कम करने की मांग की है और कहा है कि आपने मैगी और पेंसिल-रबर को क्यों महंगा कर दिया है?
मासूम बच्ची का पत्र तेजी के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और लोग मासूम बच्ची के साथ खड़े हुए नजर आ रहे हैं। हम मासूम बच्ची की मांग को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सोशल मीडिया के माध्यम से गुहार भी लगा रहे है।
मां नहीं देती हैं नई पेंसिल- बढ़ती महंगाई के विरोध में आपने राजनीतिक दलों का प्रदर्शन और नारेबाजी की तस्वीरें तो देखी ही हैं लेकिन हम आपको एक ऐसा मामला बताने जा रहे हैं जिसे सुनकर आप भी सोचने को मजबूर होंगे।
दरअसल, आपको बता दें कि कन्नौज जिले के छिबरामऊ तहसील क्षेत्र के बिरतिया मोहल्ले में रहने वाले विशाल दुबे, जो कि पेशे से वकील भी हैं, की 5 साल की बच्ची कृति दुबे, जो कि एक प्राइवेट स्कूल में कक्षा 1 में पढ़ती है, ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक खत लिखा। इस खत में बच्ची ने लिखा है कि ‘मेरा नाम कृति दुबे है और मैं कक्षा 1 में पढ़ती हूं मोदीजी। आपने बहुत महंगाई कर दी है। यह तक कि आपने पेंसिल-रबर भी महंगा कर दिया है और मैगी के दाम बढ़ा दिए हैं। अब मेरी मां पेंसिल मांगने पर मारती हैं, अब मैं क्या करूं? बच्चे मेरी पेंसिल तक चोरी कर लेते हैं।’
बच्ची का यह खत सोशल मीडिया के माध्यम से सामने आने के बाद चर्चा का विषय बन गया है और आम लोग बच्ची के साथ खड़े नजर आ रहे हैं और पेंसिल व मैगी के दाम कम करने की बात सोशल मीडिया के माध्यम से प्रधानमंत्री से कह रहे हैं।
क्या बोले अधिकारी?- जिलाधिकारी छिबरामऊ ने बताया कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे मासूम बच्ची के पत्र की जानकारी हुई है। मैं किसी भी तरह से बच्ची की मदद करने के लिए तैयार हूं और यह सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश करूंगा कि उसका पत्र संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाया जा सके।
कृपया अपनी खबरें, सूचनाएं या फिर शिकायतें सीधे news4himachal@gmail.com पर भेजें। इस वेबसाइट पर प्रकाशित लेख लेखकों, ब्लॉगरों और संवाद सूत्रों के निजी विचार हैं। मीडिया के हर पहलू को जनता के दरबार में ला खड़ा करने के लिए यह एक सार्वजनिक मंच है।