
असम की बहुचर्चित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) लिस्ट आज आ रही है। बड़ी संख्या में लोग लिस्ट में नाम होने या न होने को लेकर आशंकित हैं। उन्हें अपने भविष्य की चिंता सता रही है। दरअसल, जब मसौदा एनआरसी प्रकाशित हुई थी तब 40.7 लाख लोगों को इससे बाहर रखा गया था जिस पर काफी विवाद हुआ था। राजनीतिक दलों द्वारा गलत तरीके से लोगों को एनआरसी में शामिल करने या निकाले जाने के आरोपों के बीच अब आज इसे सार्वजनिक किया जाएगा।
उधर, राज्य प्रशासन ने गुवाहाटी सहित संवेदनशील इलाकों में निषेधाज्ञा लागू कर दी है। अधिकारियों ने बताया कि कार्यालयों में सामान्य कामकाज, आमजनों और यातायात की सामान्य आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए ऐसा किया गया है। राज्य सरकार ने लोगों को आश्वस्त भी किया है कि जिन लोगों के नाम शामिल नहीं होंगे, उनके पास आगे विकल्प रहेगा।
नबारूण गुहा अपनी कुर्सी पर बेचैनी की हालत में बैठे हुए हैं। गुहा पत्रकार हैं और जब उन्हें पता चला कि उनका नाम अंतरिम और अंतिम मसौदे में शामिल नहीं हुआ है उसके बाद से वह दो बार एनआरसी सेवा केंद्र (एनएसके) का दौरा कर चुके हैं। उन्हें अब भी विश्वास नहीं है कि शनिवार को जब रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स का अंतिम प्रकाशन होगा तो उनका नाम उसमें शामिल होगा अथवा नहीं। गुहा प्रख्यात इतिहासकार, अर्थशास्त्री और असम के कवि अमलेंदु गुहा के प्रपौत्र हैं और उनका परिवार 1930 से ही गुवाहाटी के पॉश उलुबारी इलाके में रह रहा है। उनके परिवार के सभी लोगों का मसौदा एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक पंजी) में नाम है लेकिन उनका नहीं है।
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