
बचपन से पढ़ने में होनहार थी बेटी, गांव के स्कूल से शुरू की है प्रारंभिक शिक्षा।
चंडीगढ़ सरकार और हिमाचल सरकार द्वारा आयोजित नर्सिंग परीक्षा में भी हासिल कर चुकी है सफलता।
बागवान पिता चिरंजी ठाकुर ने सपनों को पूरा करने में दिया है सहयोग, घाटी में खुशी की लहर।
तीर्थन घाटी गुशैनी बंजार (परस राम भारती):- कहते है कि मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है। इन पंक्तियों को उपमंडल बंजार से तीर्थन घाटी के कलवारी गांव की लोगीना ठाकुर ने साकार कर दिखाया है। ग्रामीण इलाकों मे मूलभूत सुविधाओं के अभाव में लड़कियों के लिए उच्च शिक्षा ग्रहण करना काफी कठिन होता है जिस कारण सभी लड़कियों के सपने साकार नहीं हो पाते। तीर्थन घाटी के ग्रामीण परिवेश में पली बढ़ी लोगिना सरकारी स्कूल में पढ़कर और बिना कोचिंग के नर्सिंग अफसर बनने वाली घाटी की प्रथम महिला अधिकारी बनी है। कलवारी गांव के बागवान चिरंजी ठाकुर की बेटी ने एम्स दिल्ली द्वारा आयोजित NORCFT-2020 की परीक्षा में सफलता हासिल करके सभी के लिए प्रेरणा की एक बेहद खूबसूरत मिसाल कायम की है।
लोगीन ठाकुर के पिता चिरंजी लाल ठाकुर पेशे से बागवान है और माता आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है। चिरंजी ठाकुर ने बताया कि इनकी बेटी की प्रारम्भिक शिक्षा कलवारी गांव के सरकारी स्कूल से शुरू हुई और इसके पश्चात उच्च शिक्षा बंजार, मंडी और चंडीगढ से बीएससी नर्सिंग की डिग्री हासिल की है। इन्होनें बताया कि बेटी बचपन से ही पढ़ने में होनहार छात्रा रही है। ये चाहते थे कि इनके परिवार से भी कोई अधिकारी बने इसलिए इन्होनें अपने बच्चों की शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया है। लोगीना का छोटा भाई वर्तमान में दिल्ली के एक कोचिंग संस्थान से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहा है। बेटी के सपने को पूरा करने में चिरंजी ठाकुर ने पुरा साथ दिया है।
लोगीना इस परीक्षा से पहले दो अन्य सफलताएं भी हासिल कर चुकी है। इसे चंडीगढ सरकार द्वारा आयोजित नर्सिंग परीक्षा में पहली सफलता मिली और इसने गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल चंडीगढ में डेढ़ साल तक नौकरी भी की है। इसी बीच में यह पढ़ाई के साथ साथ एम्स परीक्षा की तैयारी भी करती रही। इस अस्पताल में लोगीना ने डेढ़ वर्ष तक कोरोना काल में अपनी सेवाएं दी है। इसी दौरान इसने हिमाचल सरकार द्वारा आयोजित नर्सिंग परीक्षा भी पास कर ली थी और इसे टांडा अस्पताल में बतौर नर्स तैनाती मिली लेकिन बेटी ने यहां पर ज्वॉइन ही नहीं किया। इसका सपना नर्सिंग के क्षेत्र में एम्स जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में बतौर अधिकारी सेवा करने का था जो अब साकार हो गया है। लोगीना ने 22 अक्टूबर को नर्सिंग अधिकारी के रूप में चिकित्सा अधीक्षक भारतीय और आयुर्विज्ञान संस्थान बिलासपुर हिमाचल प्रदेश में अपना पद और कार्यभार ग्रहण कर लिया है।
तीर्थन घाटी के बागवान चिरंजी लाल ठाकुर ने बताया कि इनकी बेटी के नर्सिंग अफसर बनने से परिवार, बिरादरी और क्षेत्र में खुशी का माहौल है। इन्होंने बताया कि अपनी बेटी की इस उपलब्धि पर इन्हें गर्व है।
लोगीना ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, भाई, गुरूजनों और अपनी मेहनत को दिया है।
कृपया अपनी खबरें, सूचनाएं या फिर शिकायतें सीधे news4himachal@gmail.com पर भेजें। इस वेबसाइट पर प्रकाशित लेख लेखकों, ब्लॉगरों और संवाद सूत्रों के निजी विचार हैं। मीडिया के हर पहलू को जनता के दरबार में ला खड़ा करने के लिए यह एक सार्वजनिक मंच है।