
किन्नौर : किन्नौर जिले के विधायक जगत सिंह नेगी ने रिकांगपिओ में प्रैस वार्ता करते हुए कहा कि जिला किन्नौर चीन सीमांत क्षेत्र है, ऐसे में जिला को केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार द्वारा बॉर्डर एरिया डिवैल्पमैंट प्लान व ट्राइबल सब प्लान के तहत करोड़ों की राशि दी जाती थी, जिससे सीमांत क्षेत्रों के विकास के कार्यों को गति दी जाती है लेकिन बीते 3 वर्षों से जिला में बीएडीपी के तहत मिलने वाला बजट जिला में नहीं आया है, ऐसे में जिला के सीमांत क्षेत्रों के विकास कार्य रुके हुए हैं।
जगत सिंह नेगी ने कहा कि जनजातीय जिला किन्नौर मे बॉर्डर एरिया डिवैल्पमैंट प्लान के तहत बजट न मिलने आज चीन सीमांत क्षेत्र के पंचायत क्षेत्रों में सड़के आधी-अधूरी हैं तो कहीं लोगों के पैदल मार्ग पक्के नहीं हुए और लोगों के मकान के निर्माण कार्य भी अधूरे पड़े हैं, जिससे जिला के सीमांत क्षेत्र के ग्रामीण परेशान हैं लेकिन सरकार इस विषय को लेकर गभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा जिला के सीमांत क्षेत्र के लोगों से भेदभाव किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा भी ट्राइबल सब प्लान का बजट सही समय से नहीं दिया जा रहा है, न ही उस बजट का प्रयोग कहा हो रहा है और न ही उसका हिसाब रखा गया है। वहीं वर्ष 2022 को केंद्र सरकार द्वारा बॉर्डर एरिया डिवैल्पमैंट प्लान का नाम भी बदलकर वाइब्रेन्ट विलेज कार्यक्रम किया गया है जो सरासर गलत है।
जगत सिंह नेगी ने कहा कि किसी भी प्लान का नाम बदलने से क्षेत्र का विकास नहीं होता बल्कि उस प्लान को लोगो तक पहुंचना सरकार का काम होता है जिससे जनता को लाभ हो लेकिन केंद्र सरकार ने जिला के सीमांत क्षेत्र के विकास के लिए बीएडीपी के बजट को 3 वर्षों तक जिला में नहीं दिया, वही दूसरी ओर बीएडीपी का नाम बदलकर अब इस प्लान का नाम वीवीपी किया है जो बिल्कुल भी सही नहीं है।
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