
हमीरपुर : देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की जयंती पर उनके सुरक्षा कर्मी रहे नानक चंद की आंखों से आंसू छलक आए। जिला हमीरपुर की बजूरी पंचायत के झरेड़ी गांव निवासी रिटायर्ड एसआई नानक चंद (93) ने देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के समय त्रिमृर्ति भवन में सेवाएं दी हैं। बतौर सिक्योरिटी कर्मी उन्होंने अपनी ड्यूटी बखूबी निभाई।
नानक चंद की हर साल 14 नवंबर को यादें ताजा हो जाती हैं। वह चाचा नेहरू के साथ बिताए लम्हे याद कर भावुक हो जाते हैं। नानक चंद पंडित नेहरू को उस समय का बेहतरीन शासक बताते हैं। वर्तमान में पीएम मोदी को भी तेजतर्रार और तेजी से काम करने वाला नेता कहते हैं। वह अगस्त 1950 से 1955 तक पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू के सिक्योरिटी कर्मी के रूप में सेवाएं दे चुके हैं।
उन्होंने बताया कि पंडित नेहरू कभी गुस्सा नहीं करते थे। सभी से प्यार से बात करते थे। बताया कि पंडित नेहरू की सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए जाते थे। उन्होंने एक किस्सा साझा किया- एक बार सुरक्षा में तैनात थे तो उनकी पिस्टल गिर गई, इस पर पंडित नेहरू ने कहा था संतरी साहब अपना हथियार तो जेब में डालकर रखो। कभी-कभी सैर करते भी पंडित नेहरू हल्की बात करते थे, लेकिन ज्यादा बातें नहीं करते थे।
पंडित नेहरू को बच्चों से बेहद प्रेम था। बच्चे और लोगों का उनसे मिलने के लिए तांता लगा रहता था। जब भीड़ बढ़ जाती थी तो सुरक्षा गार्डों को काफी मशक्कत करनी पड़ती थी। पंडित नेहरू के कार्यालय में कोई महिला कर्मचारी नहीं होती थी। हर कागज खुद पढ़कर आगे की कार्रवाई करते थे। अगर कागज उर्दू में होते थे तो उन्हें क्लर्क पढ़ते थे।
पंडित नेहरू का कार्यालय देर रात तक चलता था। वर्तमान में पीएम मोदी जैसा पीएम नहीं हो सकता है, लेकिन क्वालिटी अलग-अलग होती है। कहा कि मोदी सरकार की वर्किंग में बहुत फर्क है। उस समय पंडित नेहरू के समय में वर्किंग इतनी तेजी से नहीं होती थी। नानक चंद के पुत्र विजयपाल ने बताया कि वह बचपन से पिता से पंडित नेहरू की बातें सुनते आए हैं।
1949 में हुए थे पुलिस में भर्ती
हमीरपुर के बजूरी पंचायत के नानक चंद वर्ष 1949 में पुलिस में भर्ती हुए थे और 1988 में एसआई के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। नानक चंद की पत्नी सरोति देवी पिछले पांच सालों से बीमार हैं। बेटा विजय पाल अपना व्यवसाय करता है।
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