
हिमाचल प्रदेश सचिवालय के बाहर एनएसयूआई ने जमकर बवाल काटा। इस दौरान पुलिस और स्टूडेंट्स में धक्कामुक्की भी देखने को मिली। इस दौरान महिला पुलिस कर्मियों को हल्की चोटें आईं और एक महिला कांस्टेबल का खून भी निकला। हंगामा बढ़ता देख शिमला के एसपी को मौके पर आना पड़ा। पुलिस ने इस मामले में 12 स्टूडेंट्स पर छोटा शिमला थाने में केस दर्ज किया है।
ग्रेजुएशन कर रहे फस्र्ट ईयर के करीब 22 हजार छात्रों के फेल होने के मुद्दे पर एनएसयूआई ने प्रदेश सरकार और एचपीयू प्रशासन के खिलाफ रोष रैली निकाली। बड़ी संख्या में छात्र नारेबाजी करते हुए जैसे ही सचिवालय पहुंचे तो यहां प्रदर्शन हंगामे में तब्दील हो गया। एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने करीब 2 घंटे तक जमकर बवाल काटा और कार्यकर्ता सचिवालय के भीतर जाने का प्रयास कर रहे थे। बाद में जब पुलिस के रोकने पर छात्र भड़क गए और पुलिसकर्मियों के साथ भिड़ गए। पुलिस और छात्रों के बीच हल्की झड़प हुई, जिसमें महिला और पुरूष पुलिसकर्मियों समेत कई छात्र-छात्राओं को हल्की चोटें आईं। एनएसयूआई के राष्ट्रीय नेता और हिमाचल प्रभारी अनुशेष शर्मा को भी चोटें आई, जबकि एनएसयूआई के राज्य महासचिव प्रतीक शर्मा की कमीज फट गई। छात्रों को उग्र होते देख पुलिस ने मुख्य सड़क बंद कर दी। सचिवालय के बाहर मुख्य सड़क का गेट बंद कर दिया गया और यातायात भी बंद करना पड़ा। हालात बिगड़ते ही मौके पर भारी पुलिसबल तैनात करना पड़ा और क्यूआरटी के जवानों को भी तैनात करना पड़ा। छात्रों ने कई बार बैरिकेड्स तोडऩे का प्रयास किया और मुख्य मार्ग पर धरने पर बैठकर नारेबाजी की। मौके पर एएसपी प्रवीर ठाकुर और डीएसपी दिनेश शर्मा मौके पर मौजूद रहे, लेकिन बवाल ज्यादा बढऩे पर एसपी ओमापति जम्वाल को खुद मौके पर आना पड़ा। एनएसयूआई के एक प्रतिनिधिमंडल को सचिवालय भेजने के आश्वासन के बाद छात्र शांत हुए। करीब 2 घंटे के बाद स्थिती को काबू में लाया गया।
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