
बिलासपुर : क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। अस्पताल में टेस्ट करवाने आने वाले मरीजों को तीसरे दिन रिपोर्ट मिल रही है। इसके पीछे कारण यह है कि एसआरएल लैब बंद होने के बाद यहां पर क्रश्ना लैब ने अभी तक अपनी मशीनें स्थापित नहीं की हैं। इस कारण मरीजों से सैंपल एकत्र कर जांच के लिए प्रदेश से बाहर भेजे जा रहे हैं, जिसकी रिपोर्ट आने में तीन दिन तक का समय लग रहा है।
ऐसे में कई लोग निजी लैब में टेस्ट करवाने के लिए भी मजबूर हो रहे हैं। इससे उन्हें अधिक पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं। हालांकि अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि उन्होंने कई दिन पहले नई कंपनी को लैब स्थापित करने के लिए स्थान उपलब्ध करवा दिया है। वहीं क्रश्ना लैब के अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में अस्पताल के उच्च अधिकारी ही बताएंगे। अब लोगों को बार-बार अस्पताल के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
क्षेत्रीय अस्पताल की सरकारी लैब में भी सुबह 10 से 12 बजे तक ही मरीजों के सैंपल एकत्र किए जाते हैं। पहले एसआर लैब के पास किसी भी समय टेस्ट हो जाते थे लेकिन क्रश्ना लैब के आने के बाद टेस्ट भी तीन बजे तक लिए जा रहे हैं। क्रश्ना लैब में रोजाना करीब 70 से ज्यादा सैंपल लिए जाते हैं। टेस्ट के सैंपल लेने के बाद सभी को चंडीगढ़ भेजा जाता है। इस कारण रिपोर्ट आने में काफी समय लग रहा है। वहीं अगर आपात स्थिति में किसी को टैस्ट करवाने पड़ जाए तो उसके निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है। एसआर लैब के जाने के बाद क्रश्ना लैब को स्थान दिया गया है। अभी उनकी सभी मशीनें स्थापित नहीं हो पाई हैं। इस कारण रिपोर्ट आने में समय लग रहा है। मशीनों को जल्द स्थापित करने के लिए कहा गया है। कुछ दिन में सभी मशीनें स्थापित होने के बाद मरीजों को अच्छी सुविधा मिल जाएगी।
-डा. संजीव कुमार वर्मा, चिकित्सा अधीक्षक क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर।
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