
कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी पवन काजल चुनाव आयोग की बिना अनुमति के अपनी तस्वीर वाले प्रकाशित कैलेंडर को चुनावी जनसभाओं में वितरित कर आचार संहिता उल्लंघन के मामले में फंस गए हैं। चुनाव आयोग इस मामले में उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर प्रकरण न्यायालय में मामला दर्ज करवा रहा है।
पवन काजल ने यह कैलेंडर जयसिंहपुर,सुलह व् शाहपुर की जनसभाओं में वितरित किए हैं। जिसकी रिपोर्ट चुनाव आयोग ने संबंधित सहायक चुनाव अधिकारियों से ले ली है। पवन काजल ने कैलेंडर प्रकाशन के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा गठित मीडिया प्रमाणन और निगरानी समिति से अनुमति नहीं ली थी।
निर्वाचन अधिकारियों ने इस मामले को आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का मामला माना है और नोटिस जारी कर प्रकरण न्यायालय में पवन काजल के खिलाफ मामला दर्ज करवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पवन काजल के खिलाफ जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 की धारा 127 ए के तहत सक्षम न्यायायलय में मामला दर्ज किया जा रहा है।
चुनाव आयोग के ये निर्देश: चुनाव आयोग के स्पष्ट निर्देश हैं कि जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 की धारा 127 ए के तहत फ्लैक्स हॉर्डिंग्ज, इश्तहार, पोस्टर व् कैलेंडर छपवाए जाते हैं तो इसकी सूचना उम्मीदवार निर्वाचन कार्यालय में अवश्य दें। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर प्रचार के लिए प्रकाशित पेंफलेट में जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 की धारा 127-ए के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर संबंधित मुद्रक, प्रकाशक एवं वितरक के विरुद्ध प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा। धारा 127 ए(4) के अनुसार 6 माह की कारावास या 2 हजार रुपए तक का जुर्माना या दोनों दण्ड दिए जा सकते हैं।
बोले जिला निर्वाचन अधिकारी व डीसी कांगड़ा: कांग्रेस प्रत्याशी पवन काजल द्वारा प्रकाशित कैलेंडर के लिए किसी भी प्रकार की अनुमति नहीं ली गई है। जिसके चलते आयोग ने इस संबंध में संबंधित वीडियो व् अन्य साक्ष्य एकत्रित करने के उपरांत उनके खिलाफ प्रकरण न्यायालय में मामला दर्ज करवाया है।
बोले पवन काजल: चुनाव प्रचार के लिए प्रकाशित पेंफलेट के स्थान पर कैलेंडर वितरित किया जा रहा है। जिसकी अनुमति चुनाव आयोग से ली गई। यह कैलेंडर उन्हीं कार्यकर्ताओं को ही दिया जा रहा है जो इसे लेना चाह रहा है। ऐसे 10 हज़ार कैलेंडर छपवाए गए हैं। कैलेंडर व पेंफलेट एक तरह की ही प्रचार सामग्री है।
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