
जोगेंद्रनगर : जोगेंद्रनगर शहर के सबसे व्यस्त पठानकोट चौक में बढ़ रही वाहनों की आवाजाही से हादसों की आशंका बढ़ गई है। यातायात व्यवस्था व्यवस्थित करने के लिए पुलिस जवान भी कम पड़ने लगे हैं। जाम की संभावना भी विकराल रूप धारण कर रही है। मंडी-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर पठानकोट चौक से रोजाना चार हजार से अधिक वाहन गुजरते हैं। इनमें पर्यटक वाहनों के साथ परिवहन निगम की बसें और सेना वाहन भी शामिल हैं। इसी चौक से सरकाघाट के लिए भी वाहनों की आवाजाही होती है। चौक से एक ओर आयुर्वेदिक अस्पताल के लिए भी आपातकाल में वाहन गुजरते हैं, वहीं दुर्घटनाओं में घायलों को भी उपमंडलीय अस्पताल से टांडा अस्पताल रेफर के दौरान एंबुलेंस जाती हैं। मौजूदा समय में बिना यातायात वाहन और आधुनिक सुविधाओं के साथ एक पुलिस का जवान ही यातायात व्यवस्था के लिए तैनात कर रखा है। जबकि वाहनों की बढ़ती संख्या को देखते हुए तीन जवानों की तैनाती जरूरी है।
चार जवानों के हवाले व्यवस्था
जोगेंद्रनगर शहर करीब चार किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है, लेकिन यातायात व्यवस्था का जिम्मा महज चार पुलिस जवानों पर है। रेलवे फाटक से गरोडू तक सड़क के दोनों और खड़े हो रहे बड़े वाहन हादसे का कारण बन रहे हैं। बावजूद इसके यातायात पुलिस जवानों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हो रही है। पठानकोट चौक में स्थापित की गई पांच लाख रुपये की ट्रैफिक लाइट भी फेल साबित हुई हैं।
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जोगेंद्रनगर में यातायात पुलिस के जवानों की संख्या में इजाफा किया जाएगा। आधुनिक सुविधाएं भी जवानों को उपलब्ध करवाई जाएंगी। यातायात की व्यवस्था जांचने के लिए पेट्रोलिग टीम को वाहनों के साथ तैनात कर रखा है।
-शालिनी अग्निहोत्री, पुलिस अधीक्षक मंडी ।
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