
शिमला : प्रदेश में लगातार हो रही बारिश ने खूब कहर बरपाया है। शिमला जिला के कोटगढ़ की 12 पंचायतों में भारी नुकसान हो गया है। 10 जुलाई से लेकर लगातार हो रही बारिश से जगह-जगह भूस्खलन हुआ है। बादल फटने की घटनाओं ने इन क्षेत्रों में तबाही मचाई है। क्षेत्र के 40 के करीब घरों में दरारे आने से यह खतरे की जद में आ गए हैं। जबकि कुछ घर व गौशालाएं गिर गई हैं।
क्षेत्र में कुछ लोग बेघर हो गए हैं। बगीचों में सेब की खड़ी फसल तबाह हो गई है। भूस्खलन की चपेट में आने से क्षेत्र में कई-कई बीघा सेब के बगीचों का नामो निशान ही मिट गया है। ये बगीचे बह गए हैं। सबसे ज्यादा छोटे किसान जिनके पास केवल 4 से 5 बीघा ही जमीन थी उन्हें नुकसान हुआ है। उनकी पूरी की पूरी जमीनें ही बह गई हैं। वे लोग अब भूमिहीन हो गए हैं।
पहला हॉर्टिकल्चर रोड क्षतिग्रस्त, सेब पहुंचाना मुशिकल
कोटगढ़ क्षेत्र सेब के लिए विख्यात है। हर साल हजारों पेटियां सेब यहां से मंडियों में बिकने के लिए आती है। यहां पर प्रदेश का पहला हॉर्टिकल्चर रोड बना हुआ है। बिथल से ओढ़ी तक यह सड़क है। इसकी हालत काफी खस्ता है। जगह-जगह यह क्षेत्र भूस्खलन के कारण बंद पड़ा हुआ है। इसकी हालत ठीक नहीं है। लोगों का कहना है कि इस सड़क से सेब मंडियों तक पहुंचता है। सड़क बंद होने से सेब को मंडियों तक पहुंचना चुनौतीपूर्ण हो गया है।
जिला में बरसात से 156 करोड़ का नुकसान अभी तक हो चुका है। इसमें यदि सड़क दुर्घटनाओं में हुई मृत्यु को शामिल किया जाए तो मरने वालों की संख्या 43 हो चुकी है। अभी तक 23 लोग घायल हुए हैं, चाल लोग लापता हैं। 75 जानवर मारे जा चुके हैं। 125 पक्के पुरी तरह से व 74 कच्चे मकान गिरे हैं। आंशिक रूप में 2381 पक्के व 1371 कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं।
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