
धर्मशाला : धर्म गुरु दलाई लामा ने करुणा की कमी व आंतरिक मूल्यों की तरफ अधिक ध्यान देने के लिए अंतर्मुखी होने का संदेश दिया है। मंगलवार सुबह अपने इंटरनेट मीडिया अकाउंट के माध्यम से दलाई लामा ने यह संदेश दिया। दलाई लामा ने अपने संदेश में कहा है कि मुझे लगता है कि इसमें बहुत बड़ा विरोधाभास है। इस पृथ्वी पर सात अरब लोग हैं और कोई भी समस्या या पीड़ा नहीं चाहता है, फिर भी हमें अनेकों समस्याओं और कष्टों का सामना करना पड़ता है, जो हमारे द्वारा ही निर्मित हैं। क्यों? कुछ तो कमी है। मैं समझता हूं कि इस दुनिया को खुशहाल बनाने का दायित्व हम सभी लोगों का है। इसके लिए हमें दूसरों की भलाई के लिए विचार करने की आवश्यकता है। अर्थात दया या करुणा है जिसकी अभी कमी है। हमें अपने आंतरिक मूल्यों पर अधिक ध्यान देना होगा। हमें अन्तर्मुखी होना होगा।
दलाई लामा विश्वशांति, विश्व कल्याण व जनकल्याण की बात के साथ-साथ अहिंसा, करुणा बनाए रखने की पैरवी करते रहे हैं। मानवीय मूल्यों को प्रमुखता देते रहे हैं। उन्होंने आज इंटरनेट मीडिया अकाउंट से यह संदेश अपने अनुयायियों को दिया है कि विश्व में करुणा, दया व शांति की आवश्यकता है और इसके लिए अपने आंतरिक मूल्यों की तरफ अधिक ध्यान देना होगा।
इस समय फिर से देश व दुनिया में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने लगे हैं। इस बीच दलाई लामा ने यह संदेश देकर लोगों को शांति और मानव सेवा की ओर प्रेरित किया है।
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