
नाहन : हिमाचल प्रदेश के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब पांवटा साहिब व बीवीएन आज भी रेल नेटवर्क के लिए केंद्र सरकार की नजरे इनायत के लिए तरस रहे हैं। आजादी के 73 वर्षों के बाद भी एशिया में औद्योगिक हब माने जाने वाला बीबीएन ओर जिला सिरमौर के पांवटा साहिब व कालाअंब औद्योगिक क्षेत्र रेल मार्ग से नहीं जुड़ पाए। केंद्र सरकार तथा प्रदेश के कई सांसदों ने जिला सिरमौर तथा बीबीएन में रेल नेटवर्क बिछाने के लिए प्रधानमंत्री तथा रेल मंत्री से कई बार मांग की। मगर यह मांग केवल सर्वेक्षण तक ही सीमित रही।
केंद्र सरकार ने 73 वर्षों में ना तो सिरमौर में रेल लाइन के लिए फाइनल सर्वे करवाया, ना ही कभी बजट का प्रावधान किया। बता दें कि बीबीएन के साथ-साथ जिला सिरमौर का कालाअंब व पांवटा साहिब औद्योगिक क्षेत्र देशभर में अपनी विशेष पहचान रखता है। जिसके चलते पिछले पांच दशकों से उद्योगपति कालाअंब तथा पौंटा साहिब को रेल नेटवर्क जोड़ने के लिए दर्जनों बार रेल मंत्री से मिल चुके हैं। मगर घोषणा और आश्वासनों के सिवाय आज तक कुछ नहीं हुआ। जिला सिरमौर का पांवटा साहिब औद्योगिक क्षेत्र के साथ धार्मिक पर्यटन का भी बहुत बड़ा केंद्र है। पांवटा साहिब गुरुद्वारा गुरु गोविंद सिंह द्वारा स्थापित किया गया था तथा लंबे वर्षों तक यहां पर गुरु गोविंद सिंह ने तपस्या की थी। साथ ही गुरु ग्रंथ की स्थापना भी यही की गई थी। जिसके चलते देश-विदेश से लाखों पर्यटक पांवटा साहिब पहुंचते हैं।
पांवटा साहिब के लिए 1962 में पहली बार जगाधरी पावटा राजबन रेल लाइन के लिए सर्वेक्षण किया गया। उसके बाद 1972 में दोबारा से सर्वेक्षण किया गया। फिर 1990 के दशक में पंजाब के घनोली बद्दी नालागढ़ कालाअंब पांवटा साहिब देहरादून रेल लाइन के लिए सर्वेक्षण करवाने के निर्देश रेल मंत्रालय से दिए गए। मगर यह भी बजट के अभाव में आधे अधूरे रहे। उसके बाद 2014 में जगाधरी पांवटा साहिब 50 किलोमीटर लंबी रेल लाइन के लिए सर्वेक्षण करवाया गया। मगर यह भी सिरे नहीं चढ़ा। वर्ष 2016 में बीबीएन पांवटा देहरादून रेल लाइन के लिए तत्कालीन राज्य मंत्री ने फिर से सर्वेक्षण के निर्देश दिए, यह भी केवल घोषणा तक सीमित रहे। उसके बाद मार्च 2021 में तात्कालिक रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शिमला में पांवटा साहिब जगाधरी रेल लाइन के लिए सर्वेक्षण करवाने के निर्देश दिए। यह निर्देश भी केवल कागजों में ही धूल फांक रहे हैं।
60 वर्ष बीत जाने के बाद आज तक जिला सिरमौर के लिए रेल मंत्रालय ने रेल लाइन बिछाने के लिए केवल सर्वेक्षण ही करवाए। ना ही यह सर्वेक्षण पूरे हो पाए, नाही बजट का प्रावधान हो पाया। मंगलवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए आम बजट में जिला सिरमौर के लिए घोषित नेशनल हाईवे तथा रेल लाइन निर्माण के लिए बजट स्वीकृत ना करने से जिला के लोगों व उद्योगपतियों में भारी निराशा ही हाथ लगी है।
सिरमौर जिला में इसलिए भी है रेल की आवश्यकता
जिला सिरमौर के पांवटा साहिब तथा कालाअंब औद्योगिक क्षेत्र के साथ-साथ यहां पर अब आइआइएम सिरमौर (धौलाकुआं ) में निर्माणाधीन है। इंडियन इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट में देश विदेश से बच्चे विभिन्न कोर्सों के लिए धौलाकुआं आते हैं। इसके साथ ही सिरमौर जिला मुख्यालय नाहन में मेडिकल कॉलेज भी निर्माणाधीन है। जहां पर प्रदेश सहित देश के हजारों बच्चे मेडिकल शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। वही जिला सिरमौर में ईटरनल विश्वविद्यालय बडू साहिब, डेंटल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज व इंजीनियरिंग कालेज भी खुल चुके हैं। जहां पर हजारों बच्चे देश के विभिन्न स्थानों से पहुंचकर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। जिसके चलते जिला सिरमौर में रेल की बहुत आवश्यकता है।
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