
हिन्दी पंचांग का नया महीना कार्तिक सोमवार, 14 अक्टूबर से शुरू हो गया है। इसे सबसे पवित्र माह माना जाता है। इन दिनों में पवित्र नदियों में स्नान और दीपदान करने की परंपरा है। इसी महीने में दीपावली आएगी और देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु विश्राम से जागेंगे और सृष्टि का संचालन संभालेंगे। जानिए कार्तिक माह में कब कौन सा विशेष पर्व आएगा और उस दिन कौन-कौन से शुभ काम किए जा सकते हैं…
- गुरुवार, 17 अक्टूबर को सुहागिनों का महापर्व करवा चौथ है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और सौभाग्य की कामना से करवा चौथ माता की विशेष पूजा करती हैं। दिन भर निर्जल रहती हैं और रात में चंद्र दर्शन के बाद अन्न-जल ग्रहण करती हैं।
- गुरुवार, 24 अक्टूबर को रमा एकादशी है। इस तिथि पर भगवान विष्णु और उनके स्वरूपों की विशेष पूजा की जाती है। व्रत-उपवास किया जाता है।
- शुक्रवार, 25 अक्टूबर से पांच दिवसीय दीपोत्सव शुरू हो जाएगा। शुक्रवार को धनतेरस है। इस दिन महालक्ष्मी के साथ ही भगवान धनंवतरि का पूजन किया जाता है।
- शनिवार, 26 अक्टूबर को नरक चतुर्दशी है। इस दिन भगवान यमराज का पूजन किया जाता है।
- रविवार, 27 अक्टूबर को महालक्ष्मी की पूजा का महापर्व दीपावली है। रविवार की रात देवी लक्ष्मी के साथ ही भगवान विष्णु का दक्षिणावर्ती शंख से अभिषेक करें। इसके लिए केसर मिश्रित दूध का उपयोग करेंगे तो बहुत शुभ रहेगा।
- सोमवार, 28 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा है। इस दिन गिरिराज की पूजा की जाती है।
- मंगलावर, 29 अक्टूबर को भाई दूज है। मान्यता है कि इस तिथि पर यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने आते हैं। ये पर्व भाई-बहन को समर्पित है।
- गुरुवार, 31 अक्टूबर को विनायकी चतुर्थी है। इस दिन गणेशजी की पूजा और उनके लिए व्रत किया जाता है।
- शनिवार, 2 नवंबर को छठ पर्व है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और सूर्य की विशेष पूजा करने की प्राचीन परंपरा है।
- मंगलवार, 5 नवंबर को अक्षय नवमी है। इसे आंवला नवमी भी कहा जाता है। इस तिथि पर पानी में आंवले का रस मिलाकर स्नान करना चाहिए। आंवले के वृक्ष की पूजा करनी चाहिए।
- शुक्रवार, 8 नवंबर को देवउठनी एकादशी है। इस दिन भगवान विष्णु विश्राम से जागेंगे और सृष्टि का संचालन संभालेंगे। देवउठनी एकादशी से सभी मांगलिक कर्म शुरू हो जाएंगे। इस दिन तुलसी विवाह करने की भी परंपरा है, तुलसी की पूजा करनी चाहिए।
- मंगलवार, 12 नवंबर को कार्तिक माह की पूर्णिमा है। इस दिन नदियों में स्नान और दीपदान करने की परंपरा है।
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