तीर्थन घाटी गुशैनी के निचला बंदल और कोशूनाली गांव में मंडराए खतरे के बादल।
August 4th, 2023 | Post by :- | 50 Views

करीब 20 रिहायशी मकान खतरे की जद में, लोगों ने प्रशासन से लगाई सुरक्षित जगह पर बसाने की गुहार।

तीर्थन घाटी गुशैनी बंजार (परस राम भारती):- जिला कुल्लू उपमंडल बंजार की तीर्थन घाटी गुशैनी में आपदा के करीब चार सप्ताह बीत जाने के बाद भी अभी तक लोगों की कठिनाइयां कम होने का नाम नहीं ले रही है। हालांकि कुछ क्षेत्रों में अब धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो रही है लेकिन ग्राम पंचायत शर्ची के बंदल वार्ड में निचला बंदल और कोशूनाली गांव में करीब 20 रिहायशी मकानों पर खतरे के बादल मंडरा रहे रहे हैं।

गौरतलब है कि 9 जुलाई से हो रही भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के कारण तीर्थन घाटी की कई संपर्क सड़कों, पुलों, रिहायशी मकानों, रास्तों, गौशालाओं, घराटों, मछली फार्म, खेल मैदान, कृषि योग्य भूमि और नकदी फसलों को भारी क्षति पहुंची है। हालांकि पहले से स्थिती अब कुछ सामान्य हो चुकी है। नदी नालों का जलस्तर भी काफी हद तक कम हो गया है और घाटी के कुछ क्षेत्रों में यातायात, विद्युत एवं जल आपूर्ति तथा नेटवर्क बहाल हो चुका है। शासन प्रशासन और ग्रामीण लोग मिलकर सड़क बहाली, बिजली पानी राहत एवं पुनर्वास कार्य में जुटे हुए है।

तीर्थन घाटी में कुछ दिनों के अन्तराल बाद हो रही भारी बारिश लोगों को डरा रही है। कई स्थानों पर भूस्खलन हो रहा है और सड़कों तथा रिहायशी मकानों में दरारें बढ़ रही है। घाटी के केन्द्र बिन्दु तीर्थन नदी और फ्लाचन नदी के संगम स्थल गुशैनी के दाएं छोर बंदल की ओर का कुछ क्षेत्र भूस्खलन की दृष्टि से अति संवेदनशील बन चूका है। प्रशासन द्वारा एहतियातन तौर पर इस क्षेत्र को असुरक्षित घोषित किया गया है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की हिदायत दी गई है। इस क्षेत्र में पड़ने वाले निचला बंदल और कोशुनाली गांव के करीब बीस रिहायशी मकानों में दरारें पड़ चुकी है जो कभी भी ढह सकते है। ग्रामीणों में डर और भय का माहौल बना हुआ है। कई लोगों ने अपने घरों को खाली करना शुरू कर दिया है और अपने पालतू पशुओं को छोड़ कर रिश्तेदारों के घर में शरण ली हुई है।

ग्राम पंचायत शर्ची में बंदल वार्ड के निचला बंदल और कोशुनाली गांवों में तारा देवी का एक मकान ढह गया है और दूसरा मकान भी खतरे की जद में आ गया है। वहीं पर शारदा देवी, घानथू राम, रविन्द्र कुमार, हेम राज, किशन देव, जोगिंदर सिंह, राज देव, कुलदीप सिंह, भीमा देवी, राजकुमार, टेक राम, रमेश चन्द, महेन्द्र सिंह, तापे राम, उत्तम राम, जीत राम, इन्द्र सिंह, हरमेश चन्द, गिरधारी लाल, सुरेन्द्र सिंह डोड, लता शर्मा, उदय शर्मा
और तेज प्रताप शर्मा आदि के रिहायशी मकान खतरे की जद में आ गए है। लोगों के घरों मे आई दरारें दिन प्रति दिन बढ़ रही है और यह मकान रहने के लिए असुरक्षित हो चुके हैं। इनमें से अधिकतर परिवारों ने अपने अपने घरों को खाली कर दिया है। कोशूनाली में लगा एक बिजली का टांसफार्मर भी भूस्खलन की जद में आ गया जो भारी जान माल का नुकसान कर सकता है।

वहीं गुशैनी से दुसरी ओर ग्राम पंचायत पेखडी में मनहार वार्ड के रूपाजानी और पछेंनाल गांव में आऊंसु राम, मोहिंद्र सिंह, बली राम, परस राम, भोलू राम, चेत राम, रुप लाल, केबल राम, कुशाल चन्द और राम सिंह आदि के रिहायशी मकान रहने के लिए असुरक्षित हो चुके है। भूस्खलन और चट्टानों के खिसकने का खतरा बना हुआ है और यहां पर नदी की ओर से भी भूस्खलन जारी है। यह सभी परिवार भी अपने घरों को छोड़ कर रिश्तेदारी में पनाह लिए हुए है।

तीर्थन घाटी गुशैनी से गांव निचला बंदल, कोशुनाली, रूपाजानी और पंछेनाल के प्रभावित लोगों ने शासन प्रशासन से गुहार लगाई है कि इन स्थानों का शीघ्र ही भू वैज्ञानिकों द्वारा सर्वेक्षण करवाके पुनर्वास हेतु जरुरी सुरक्षा उपाय किए जाएं। लोगों ने शासन प्रशासन से मांग की है कि सड़क मे बह रहे पानी की निकासी के लिए समय रहते उचित कदम उठाए जाएं ताकि भारी जान माल के नुकसान से बचाव हो। स्थानीय लोगों का कहना पीड़ित परिवारों के पुनर्वास हेतु प्रशासन को उचित व्यवस्था करने की जरूरत है।

उपमंडल अधिकारी हेम चन्द वर्मा ने बताया कि निचला बंदल, कोशुनाली और रूपाजानी गांव के प्रभावित परिवारों को उचित राहत दी गई है फिर भी हर पीड़ित और जरूरतमंद व्यक्ति के नुकसान का आकलन करके नियमानुसार राहत पहुंचाई जाएगी। इन्होने बताया कि आपदा प्रभावित लोगों के पुनर्वास हेतु स्थानीय ग्राम पंचायतों को निर्देश दिए गए है जो सुरक्षित स्थानों में लोगों के रहने की व्यवस्था करेंगे। इन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि इस संवेदनशील स्थल का निरीक्षण भू वैज्ञानिकों द्वारा किया जायेगा इस बारे उच्चाधिकारियों से बात चली हुई है शीघ्र ही कुल्लू जिला के लिए टीम आने वाली है।

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