गेंती फावड़ा लेकर मलबे में अपनाें की तलाश, लापता युवकों के स्‍वजन भी जुटे, प्रशासन ने चौथे दिन भेजे मजदूर #news4
July 9th, 2022 | Post by :- | 134 Views

कुल्लू : पार्वती घाटी में चोझ के गौहर नाले में बुधवार को सुबह पांच बजे बाद फटने से आई बाढ़ में लापता चार लोगों का शनिवार को भी कोई सुराग नहीं लग पाया। चारों के स्‍वजन अपने स्तर पर मजदूर लगाकर इनकी तलाश करते रहे। हाथ में गैंती, फाबड़ा और बेलचा लिए स्वयं भी स्‍वजन व रिश्तेदार चोझ नाले की बाढ़ में अपनों की तलाश करते रहे। चार दिन बाद प्रशासन की ओर से मजदूर भेजे गए हैं। हैरानी की बात है कि चार दिन बाद प्रशासन की ओर से मजदूरों को चोझ भेजा गया। बाढ़ से चोझ तक जाने वाला पुल बह गया है, जिस कारण मशीन को चोझ तक पहुुंचाना मुश्किल है।

ऐसे में चारों की तलाश करने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। अभी तक चारों में किसी का भी कोई सुराग नहीं लग पाया। उधर प्रशासन और विभागों की लापरवाही दिखाई दे रही है। चोझ गांव में तीन दिन तक न तो बिजली न ही पानी है ऐसे में लगातार ग्रामीण बिजली पानी बहाल करने की मांग करते रहे। हालांकि कार्य चल रहा है लेकिन इतनी धीमी गति से कार्य होने के कारण लोगों में रोष है।

चोझ के गौहर नाले में सुंदरनगर निवासी रोहित, कांगड़ा निवासी राहुल, हमीरपुर के अर्जुन और राजस्थान के कपिल बाढ़ की चपेट में आने से लापता हैं। हालांकि प्रशासन की ओर से एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें लगातार सर्च आपरेशन में जुटी हुई हैं। लेकिन मलबा ज्यादा होने के कारण दिक्कत पेश आ रही है।

बारिश बनी सर्च ऑपरेशन में बाधा

मणिकर्ण घाटी में दोपहर करीब 1:00 बजे जमकर बारिश हुई जिस कारण सर्च आपरेशन थम गया है। ऐसे में लापता लोगों को तलाश करने में कठिनाई का सामना करना पड़ेगा। सुबह से टीमें सर्च आपरेशन में जुटी रहीं। लेकिन बारिश के कारण दोपहर बाद सर्च आपरेशन बंद कर दिया।

ब्रह्मगंगा में बही महिला का नहीं लगा सुराग

मणिकर्ण घाटी में 29 जुलाई 2021 को मणिकर्ण के ब्रह्मगंगा नाले में बाढ़ आ गई थी, जिसमें स्थानीय मां बेटा सहित उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद की महिला बह गई थी। मां-बेटे का शव करीब 11 दिन बाद मिल गया था, जबकि महिला पर्यटक का अभी तक कोई सुराग नहीं लग पाया है।

कृपया अपनी खबरें, सूचनाएं या फिर शिकायतें सीधे news4himachal@gmail.com पर भेजें। इस वेबसाइट पर प्रकाशित लेख लेखकों, ब्लॉगरों और संवाद सूत्रों के निजी विचार हैं। मीडिया के हर पहलू को जनता के दरबार में ला खड़ा करने के लिए यह एक सार्वजनिक मंच है।